केरल का नाम बदलने वाला है. बुधवार (9 अगस्त) को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विधानसभा में केरल का नाम बदलने का प्रस्ताव पेश किया. खबरों के मुताबिक इस प्रस्ताव का किसी भी पार्टी ने विरोध नहीं किया. किसी भी विधायक की तरफ से प्रस्ताव में किसी भी तरह का संशोधन करने का सुझाव भी नहीं आया. यानी इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास किया गया. पिनाराई विजयन ने केरल का नाम बदलकर 'केरलम' रखने का प्रस्ताव दिया था.
केरल का नाम 'केरल' नहीं होगा, CM पिनाराई विजयन ने दिया नया नाम, BJP ने ट्विटर पर लगाया
इस प्रस्ताव का किसी भी पार्टी ने विरोध नहीं किया. किसी भी विधायक की तरफ से प्रस्ताव में किसी भी तरह का संशोधन करने का सुझाव भी नहीं आया.
आजतक से जुड़े शिबिमोल की रिपोर्ट के मुताबिक ये प्रस्ताव रखते हुए सीएम विजयन ने कहा,
'भाषा के आधार पर राज्यों का गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ था. केरल की जन्मतिथि भी 1 नवंबर है. मलयालम भाषियों के लिए एक संयुक्त केरल बनाने की जरूरत है. राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही समुदाय मजबूती से उभर रहा है. लेकिन संविधान की पहली अनुसूची में हमारे राज्य का नाम केरल लिखा गया है.'
सीएम ने आगे विधानसभा से सर्वसम्मति से इस बिल को पास करने की बात कही और केंद्र सरकार से संविधान में केरल का नाम संशोधित करने के लिए कहा. मुख्यमंत्री ने कहा,
'ये विधानसभा सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत इसे (केरल नाम को) 'केरलम' के रूप में संशोधित करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध करती है. सदन यह भी अनुरोध करता है कि हमारी भूमि का नाम संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं में 'केरलम' रखा जाए.'
इसके बाद केरल विधानसभा अध्यक्ष एएन शमसीर ने हाथ उठाकर दिए गए समर्थन पर इसे विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव घोषित किया.
राज्य की CPI(M) सरकार द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव को बीजेपी से भी समर्थन मिला है. प्रदेश बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट का नाम भी 'BJPKERALAM' रख लिया है.
हाल के सालों में देशभर में शहरों, सड़कों या जिलों के नाम बदले जाने के ट्रेंड ने जोर पकड़ा है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेक कई राज्यों में शहरों, मोहल्लों और चौराहों का नाम बदला जा चुका है.
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