भारतीय सेना के दो पूर्व सैनिकों को, एक महिला और उसके दो जुड़वा बच्चों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है (2 Ex Armymen killed Woman). जानकारी के मुताबिक, मामला 2006 का है. जब सेना के एक जवान ने अपने साथी सैनिक के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद दोनों आरोपी फरार हो गए थे और लगभग 19 सालों तक पुलिस की नजरों से बचे रहे थे. हालांकि, अब पुलिस ने उन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच कर रही है.
महिला और जुड़वां बच्चों की हत्या कर 19 साल तक छिपे रहे पूर्व आर्मी जवान, अब हुए गिरफ्तार
Kerala Triple Murder: मामला 2006 का है. जब सेना के एक जवान ने अपने साथी सैनिक के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद दोनों आरोपी फरार हो गए थे और लगभग 19 सालों तक पुलिस की नजरों से बचे रहे थे.

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला आज से तकरीबन 19 साल पहले का है. तारीख थी 10 फरवरी, 2006. केरल राज्य के कोल्लम जिले में 24 साल की रंजिनी और उनकी जुड़वां नवजात बेटियों की हत्या कर दी गई. ये हत्या अंचल शहर के पास येरम में उनके किराए के घर में हुई. जब रंजिनी की मां जुड़वां बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र लेने के लिए पंचायत कार्यालय गई हुई थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, हत्या के वक्त नवजात बेटियां महज 17 दिन की थी. रंजिनी की मां ने वापस लौटकर जब लाशें देखी तो पुलिस को इसकी सूचना दी.
पूर्व सैनिक का रंजिनी से था रिश्ताइसके बाद पुलिस जांच में पता चला कि अंचल के मूल निवासी दिबिल कुमार बी के रंजिनी के साथ रिश्ते में थे. दिबिल कुमार उस वक्त 28 साल के थे और पठानकोट में भारतीय सेना की 45 A.D. रेजिमेंट में सेवारत थे. हालांकि, 24 जनवरी, 2006 को जुड़वां बच्चों के जन्म के बाद, उन्होंने रंजिनी से दूरी बनानी शुरू कर दी. साथ ही बच्चों को ये कहकर अपनाने से मना कर दिया कि वे उनके बच्चे नहीं है.
इसके बाद रंजिनी ने केरल राज्य महिला आयोग से संपर्क किया. जिसने जुड़वा बच्चों के पिता का पता लगाने के लिए एक टेस्ट का आदेश दिया. इससे कुमार क्रोधित हो गए और कथित तौर पर उसने उसकी हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी. इस साजिश में उनके साथी सैनिक राजेश पी भी शामिल थे. जो उस वक्त 33 साल के थे और कुमार के साथ उसी सेना रेजिमेंट में सेवारत थे.
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सेना ने ‘भगोड़ा’ घोषित कियारिपोर्ट के मुताबिक, दोनों आरोपी कथित तौर पर हत्या करके फरार हो गए. इसके बाद मामले की जानकारी मिलते ही सेना ने भी उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था. सबसे पहले तो स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच की. इतना ही नहीं पुलिस ने उन दोनों पर 2 लाख का इनाम भी घोषित किया. इसके बावजूद दोनों व्यक्तियों का कोई सुराग नहीं मिला. इसके बाद केरल हाई कोर्ट के आदेश पर 2010 में ये मामला CBI को सौंप दिया गया. लेकिन CBI को भी कोई सफलता नहीं मिली.
सालों-साल चली जांच और खोज-बीन के बाद CBI को कुछ दिनों पहले सूचना मिली की दोनों आरोपी कुमार और राजेश फर्जी नामों से पुडुचेरी में रह रहे हैं. उन्होंने आधार कार्ड समेत कई फर्जी डॉक्यूमेंट भी हासिल कर लिए. इतना ही नहीं, कथित तौर पर उन्होंने शहर में दो शिक्षिकाओं से शादी कर ली थी और अब उनके बच्चे भी हैं.
इसके बाद CBI ने शुक्रवार, 3 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें कोच्चि ले आई. जहां उन्हें शनिवार को एर्नाकुलम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया. दोनों आरोपियों को 18 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. हालांकि अधिकारियों ने कहा कि CBI भी उनकी हिरासत की मांग करेगी.
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