केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) स्थित गांधी सरोवर के ऊपर ग्लेशियर में हिमस्खलन (Avalanche) हुआ है. इस घटना का वीडियो बहुत वायरल है, जिसमें साफ दिख रहा है कि कैसे बर्फ से ढका पहाड़ अचानक भरभराकर गिर रहा है.
केदारनाथ में पहाड़ से टूटकर मंदिर की तरफ गिरने लगा ग्लेशियर, श्रद्धालुओं की सांसें थमीं! वीडियो रोंगटे खड़े कर देगा
रविवार, 30 जून की सुबह 5 बजे के करीब अचानक पहाड़ से ग्लेशियर टूटकर गिरने लगा. इससे आस-पास हलचल मच गई, क्योंकि यह मंदिर के काफी करीब तक आ गया था.

स्थानीय मीडिया रपटों में छपा है कि रविवार, 30 जून की सुबह 5 बजे के करीब अचानक पहाड़ से ग्लेशियर टूटकर गिरने लगा. इससे आस-पास हलचल मच गई, क्योंकि यह मंदिर के काफी करीब तक आ गया था. हालांकि, टूट कर गिरे बर्फ और पत्थर का मलबा मंदिर से कुछ ऊपर ही रुक गया.
रुद्रप्रयाग ASP डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने जानकारी दी है कि इस बर्फीले तूफान से किसी भी प्रकार का जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है.
राज्य के कुछ हिस्सों में मॉनसून कहर की मानिंद बरस रहा है. हरिद्वार के उत्तरी इलाकों में भारी बारिश से सड़कों पर जलभराव हो गया. लोगों के घरों में पानी घुस गया. साथ ही बाहर खड़ी कारें गंगा में तिनके की तरह बह गईं. लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी बुरी तरह से प्रभावित हुई है.
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प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. और, इस बार मौसम विभाग ने प्रदेश में पहले ही अत्यधिक बारिश की चेतावनी जारी कर दी थी.
वहीं, दूसरी तरफ़ गर्मी और सीजन की वजह से प्रदेश में भारी भीड़ है. इसके चलते उत्तराखंड सरकार ने राज्य में आने वाले श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. केदारनाथ में पिछले साल के मुकाबले दोगुना श्रद्धालु पहुंचे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 10 मई के बाद से मात्र 28 दिन में सात लाख से ज़्यादा श्रद्धालु मंदिर दर्शन करने पहुंचे.
क्या होता है हिमस्खलन?ऊंचाई पर स्थित पहाड़ ज्यादातर इलाकों में बर्फ से ढके रहते हैं. कई बार अलग-अलग वजहों से पहाड़ों के ऊपर ढकी बर्फ अचानक से नीचे की तरफ तेजी से गिरने लगती है. इस घटना को हिमस्खलन कहा जाता है. कई बार ऐसी घटनाओं में लोगों की दबकर मौत हो जाने की खबरें आती रहती हैं.
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