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काशी विश्वनाथ का प्रसाद हुआ महंगा, अब वाराणसी की नहीं, गुजरात की इस कंपनी को मिला ठेका

Varanasi News: पहले मंदिर का प्रसाद 'तंदुल महाप्रसाद' महालक्ष्मी ट्रेडर्स और बेला पापड़ नाम की संस्थाएं बनाती थीं. ये दोनों पिछले पांच साल से मंदिर के लिए प्रसाद तैयार कर रहे हैं. फिर 11 अक्टूबर को अचानक इन संस्थाओं को प्रसाद बनाने से मना कर दिया गया.

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काशी विश्वनाथ मंदिर की व्यवस्था में बदलाव (फाइल फोटो- आजतक)

वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की व्यवस्था में दो बड़े बदलाव किए गए हैं (Kashi Vishwanath Temple). खबर है कि मंदिर में चढ़ाए जाने वाले महाप्रसाद के दाम बढ़ा दिए गए हैं. अब ये प्रसाद गुजरात की अमूल कंपनी बनाएगी. पहले इसे वाराणसी की ही दो संस्थाएं बनाती थीं. इसी फैसले के चलते दाम में बदलाव भी हुआ है. इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन सस्ता किया गया है.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले मंदिर का प्रसाद 'तंदुल महाप्रसाद' महालक्ष्मी ट्रेडर्स और बेला पापड़ नाम की संस्थाएं बनाती थीं. ये दोनों पिछले पांच साल से मंदिर के लिए प्रसाद तैयार कर रहे हैं. फिर 11 अक्टूबर को अचानक इन संस्थाओं को प्रसाद बनाने से मना कर दिया गया. जानकारी है कि परिसर में रखा उनका प्रसाद भी वापस भेज दिया गया.

मंदिर के ट्रस्ट का कहना है कि क्वालिटी बनाए रखने के लिए अब अमूल कंपनी का बनाया प्रसाद श्रद्धालुओं को दिया जाएगा. अमूल वाले प्रसाद का काउंटर गंगा द्वार के पास लगा है. वहीं पास में दूध का काउंटर भी लगाया गया है.

प्रसाद की नई कीमतें

पहले 200 ग्राम के लड्डू वाले प्रसाद की कीमत 100 रुपये थी. इस डब्बे में छह लड्डू होते थे. इसके अलावा 100 ग्राम के डब्बे भी बेचे जाते थे. अब अमूल कंपनी ने 200 ग्राम के लड्डू वाले प्रसाद की कीमत 120 रुपये तय की है. अभी तक काउंटर पर 100 ग्राम वाले डब्बे नहीं उपलब्ध कराए गए हैं. प्रसाद के काउंटर के पास लगे दूध वाले काउंटर पर शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए 10 रुपये में दूध उपलब्ध कराया गया है.

दर्शन के रेट कम हुए

मंदिर ट्रस्ट ने सुगम दर्शन की फीस कुछ कम कर दी है. पहले श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन के लिए 300 रुपये देने पड़ते थे. अब इसके लिए केवल 250 रुपये देने होंगे. ये केवल दर्शन के दाम हैं. प्रसाद अलग से ही लेना होगा.

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बता दें कि इन दिनों आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डू को लेकर भी विवाद चल रहा है. आंध्र प्रदेश के CM ने बयान दिया था कि पिछली सरकार के कार्यकाल में तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवर की चर्बी वाला घी इस्तेमाल किया गया. इस बीच एक भक्त ने दावा किया कि तिरुमाला मंदिर में परोसे गए प्रसाद में उन्हें कीड़े मिले.

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