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कर्नाटक भाषा विवाद: सरकारी निर्देश के बाद बंगलुरु के मॉल, दुकानों पर तोड़फोड़ क्यों शुरू हो गई?

बीजेपी नेता नारायण गौड़ा के संगठन KRV ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया.

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रैली निकाल प्रदर्शन करते KRV के कार्यकर्ता (फोटो सोर्स- PTI)

कर्नाटक (Karnataka) और बाकी दक्षिणी राज्यों (south indian states) में भाषा विवाद (language row) से जुड़ी खबरें आती रहती हैं. कई बार दक्षिणी भाषा बनाम हिंदी या अंग्रेजी की लड़ाई में हिंसा भी देखने को मिलती है. 27 दिसंबर को कर्नाटक के बंगलुरु (bengaluru) में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शन करने वाले थे कर्नाटक रक्षणा वेदिके (Karnataka Rakshana Vedike) के लोग. KRV के कार्यकर्ताओं की मांग थी कि 'जल्द से जल्द' सभी दुकानों के साइनबोर्डों में कम से कम 60 फीसद लिखावट कन्नडा में होनी चाहिए.

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विरोध प्रदर्शन

कर्नाटक के आम लोगों में भी कन्नडा भाषा की गरिमा बनाए रखने को लेकर इतनी सजगता है कि आप उनके सामने 'कन्नड़' शब्द बोलेंगे तो वो फ़ौरन आपसे उच्चारण ठीक करने को कहेंगे. कहेंगे कि सही शब्द 'कन्नडा' है न कि 'कन्नड़'. कर्नाटक रक्षणा वेदिके, संक्षेप में KRV. ये कर्नाटक आधारित संगठन है. जो कर्नाटक की सीमा, कर्नाटक की भाषा कन्नडा और कावेरी जल विवाद जैसे मामलों पर सबसे आगे आकर प्रदर्शन करता है. इसके मुखिया हैं पूर्व BJP विधायक नारायण गौड़ा. इंडिया टुडे की एक खबर के मुताबिक, कल KRV के कुछ कार्यकर्ताओं ने बंगलुरु में दुकानों पर लगे अंग्रेजी साइनबोर्ड फाड़ दिए, कुछ साइनबोर्डों पर लिखे अंग्रेजी अक्षरों पर काली स्याही पोत दी गई. ये लोग ज्यादातर पीले और लाल स्कार्फ़ पहने हुए थे. इन्हीं रंगों का कन्नडा झंडा है. KRV के कार्यकर्ताओं ने कई दुकानों और शोरूम वगैरह पर धावा बोला, तोड़फोड़ की. इन कार्यकर्ताओं की भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, कई कार्यकर्ता हिरासत में भी लिए गए. पुलिस ने एहतियातन, गौड़ा को भी हिरासत में ले लिया था.

ये लोग मॉल, दुकानों, कमर्शियल बिल्डिंग्स, कंपनियों, फैक्ट्रीज और ख़ास तौर से मल्टीनेशनल कंपनियों को ये संदेश देना चाहते थे कि कन्नडा भाषा को ज्यादा महत्व दिया जाए. हर तरीके के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कन्नडा भाषा का ज्यादा इस्तेमाल किया जाए.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक, नारायण गौड़ा ने कहा,

“आज मॉल ऑफ एशिया और दूसरे मॉल मालिकों ने भले ही पुलिस की सुरक्षा ले ली हो, लेकिन अगर ये लोग नियमों को नहीं मानेंगे, और कन्नडा को प्राथमिकता नहीं देंगे, तो KRV के कार्यकर्ता उनकी प्रॉपर्टीज को जब्त करेंगे और नष्ट कर देंगे.”

कल ही ये प्रदर्शन क्यों हुआ?

दरअसल, इसके एक ही दिन पहले, 26 दिसंबर को बंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) ने एक बयान दिया था. इसमें कहा गया था कि BBMP, उन सभी दुकानों, होटलों और मॉल के लाइसेंस सस्पेंड कर देगा जो 28 फरवरी तक 60 फीसद कन्नडा के नियम का पालन नहीं करेंगे. BBMP के आदेश में कहा गया कि सभी होटलों, मॉल और दूसरी दुकानों को अनिवार्य रूप से कन्नडा भाषा का इस्तेमाल करना होगा, वरना सख्त कार्रवाई की जाएगी.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कानून के खिलाफ जाकर प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही. उन्होंने कहा,

"मुझे नहीं पता कि वे (प्रदर्शनकारी) क्या कर रहे हैं. मुझे जानकारी मिली है कि नारायण गौड़ा, कन्नडा नाम वाले बोर्ड लगाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. विरोध कर रहे हैं. हम क़ानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे."

अब BBMP ने आदेश दिया है कि 15 दिन के अंदर कन्नडा भाषा से जुड़े नियम सख्ती से लागू किए जाएं. बंगलुरु में करीब 1 हजार 400 किलोमीटर लंबाई की सड़कों का जाल है. आदेश के मुताबिक, इन सभी सड़कों के किनारे सभी दुकानों वगैरह का एक सर्वे किया जाएगा. और ये देखा जाएगा कि कन्नडा भाषा के इस्तेमाल के नियमों का पालन हो रहा है या नहीं.

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