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'फेसबुक को भारत में बंद करा देंगे!' हाई कोर्ट ने मेटा को 7 दिन का वक्त दिया

एक फेक प्रोफाइल मामले में हाई कोर्ट ने फेसबुक और उसे चलाने वाली कंपनी मेटा को ये चेतावनी दी है.

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फेसबुक को कर्नाटक हाईकोर्ट ने कड़ी चेतावनी दी है (सौजन्य - इंडिया टुडे)

कर्नाटक हाई कोर्ट ने फेसबुक को बंद करा देने की चेतावनी दी है. एक मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फेसबुक की मालिकाना कंपनी मेटा के लिए ये बात कही है. चेतावनी देते हुए कोर्ट ने कहा है कि फेसबुक को पूरे देश में बंद करवा दिया जाएगा. दरअसल फेसबुक कथित रूप से एक केस की तहकीकात में कर्नाटक पुलिस की मदद नहीं कर रही है. उसे पुलिस को एक फेक अकाउंट चलाने वाले की जानकारी देनी है. अब कोर्ट ने इसके लिए मेटा को 22 जून तक का समय दिया है. 

क्या है पूरा मामला?

कविता नाम की एक महिला ने साल 2021 में कर्नाटक हाई कोर्ट में अपने पति की गिरफ्तारी के संबंध में कोर्ट में एक अर्ज़ी डाली थी. कविता दक्षिण कन्नड़ जिले के मंगलूरु में रहती हैं. इंडिया टुडे से जुड़े सगय राज की रिपोर्ट के मुताबिक कविता के पति शैलेश कुमार ने 2019 में नागरिकता संसोधन अधिनियम और एनआरसी (NRC) के समर्थन में फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा था. कविता का कहना है कि इसके बाद शैलेश के पास एक धमकी भरा फोन आया था. उसके डर से उन्होंने अपना अकाउंट डिलीट कर दिया था.

52 साल के शैलेश पिछले 25 साल से सऊदी अरब में काम कर रहे थे. वहीं कविता बच्चों के साथ मंगलूरु में रहती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक दोनों के लिए मामला गंभीर तब हुआ, जब शैलेश के नाम से एक फेक अकाउंट बनाया गया. इस फेक अकाउंट से सऊदी अरब के राजा और इस्लाम धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट लिखे गए. शैलेश को जैसे ही इस फेक अकाउंट की जानकारी मिली, उन्होंने अपने परिवार को इसके बारे में बताया. इसके खिलाफ कविता ने मंगलूरु के एक पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई. उधर फेसबुक पोस्ट के चलते सऊदी अरब में शैलेश को गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर कार्रवाई हुई और उन्हें 15 साल की जेल सुनाई गई.

हाई कोर्ट पहुंचीं कविता

इधर कविता लगातार पुलिस से कार्रवाई कर उनके पति को छुड़वाने की मांग करती रहीं. जब बात नहीं बनी, तो उन्होंने 2021 में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इसी की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फेसबुक से कहा है कि शैलेश के नाम से फेक अकाउंट कौन चला रहा है, इसकी जानकारी जांच एजेंसियों को दी जाए. इस मामले में बीती 12 जून को कोर्ट ने पुलिस को तलब किया था. उसने पूछा कि केस की कार्रवाई में इतनी देर क्यों हो रही है. और वो भी तब, जब भारत का एक नागरिक किसी दूसरे मुल्क की जेल में बंद हो और उसका कहना है कि उसका अकाउंट हैक हुआ था. दो दिन बाद 14 जून को मंगलूरु के पुलिस कमिश्नर ने अदालत को बताया कि फेसबुक कार्रवाई में मदद नहीं कर रहा. इस पर कोर्ट का गुस्सा फूट पड़ा.

सुनवाई के दौरान फेसबुक के अधिवक्ता का कहना है कि ये घटना कहां हुई है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि अगर सोशल मीडिया कंपनी कार्रवाई में कोऑपरेट नहीं करती है, तो भारत में उस पर ताला लगा दिया जाएगा. फेसबुक के अधिवक्ता ने कोर्ट से एक हफ्ते का समय मांगा है.

कविता ने अपने पति को छुड़ाने के लिए केंद्र सरकार को भी चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने गुहार लगाई थी कि उनके पति को सऊदी की जेल से छुड़ाया जाए. कर्नाटक हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी पूछा है कि शैलेश को छुड़ाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. कोर्ट ने कहा है कि अगर ये जानकारी नहीं दी जाती है, तो विदेश मंत्रालय के ऐसे मामलों से जुड़े सचिव को समन भी भेजा जा सकता है.

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