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इस राज्य ने 'खाने' में आर्टिफिशियल रंगों को बैन कर दिया, वजह सुन आप भी नहीं खाओगे!

कर्नाटक (Karnataka) के हेल्थ विभाग (Health Department) ने चिकन कबाब और मछलियों से बनी डिशेज के सैंपल लिए थे. लैब में टेस्टिंग हुई तो नतीजे चौंकाने वाले आए. तुरंत सरकार ने आदेश जारी किया और कहा कि अगर 'खाने' में ये केमिकल और रंग पाए गए तो सारी उम्र जेल में बितानी पड़ सकती है.

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नियमों का उल्लंघन करने पर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है (फ़ोटो -गेटी इमेज/पिक्सल)

कर्नाटक (Karnataka) सरकार ने सोमवार, 24 जून को चिकन कबाब और मछली की डिश में इस्तेमाल किए जाने वाले आर्टिफिशियल कलर पर बैन लगा दिया है. सरकार का कहना है कि खाने की चीजों में इस्तेमाल किए जाने वाले रंग सेहत के लिए बहुत हानिकारक होते हैं. खाने में डाले जाने वाले आर्टिफिशियल रंगों से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों कर्नाटक के स्टेट फूड एण्ड सैफ्टी क़्वालिटी विभाग ने 39 अलग-अलग कबाब डिशेज की जांच की थी. इनमें से सात सैम्पल में आर्टिफिशियल रंग पाए गए. खासकर सनसेट येलो और कारमोइसिन, जो सेहत के लिए काफी हानिकारक हैं. इन्हें किसी भी खाने की चीज में डालने से कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है.

इसके बाद विभाग ने 21 जून को एक आदेश जारी किया. आदेश में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट, 2006 और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड रेग्युलेशन, 2011 के तहत खाने में रंग के इस्तेमाल को खतरनाक बताया गया. आदेश में कहा गया कि अगर किसी ने इन नियमों का उल्लंघन किया तो उसे सात साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. और कम से कम 10 लाख का जुर्माना भरना पड़ेगा. साथ ही दुकान का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा.

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर खाने में आर्टिफिशियल रंगों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है.

गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी पर भी बैन!

इससे पहले मार्च 2024 में गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी में आर्टिफिशियल रंगों को बैन कर दिया गया था. जिसपर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने बताया था कि राज्य भर में गोभी मंचूरियन के 171 सैंपल लिए गए थे. इनमें से 107 सैंपल में आर्टिफिशियल रंग मिले. इसी तरह कॉटन कैंडी के 25 सैंपल में से 15 सैंपल में आर्टिफिशियल रंग पाए गए. सरकार का कहना है कि आर्टिफिशियल रंग शरीर के लिए हानिकारक हैं. इन रंगों में ऐसे केमिकल मिले, जिनसे कैंसर हो सकता है.

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इसके बाद दिनेश गुंडू राव ने गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी में रंगों के इस्तेमाल पर चेतवानी जारी की थी. कहा था कि अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे 7 साल की जेल और 10 लाख रुपए का जुर्माना भरना होगा.

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