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सपा प्रत्याशी के पूजा करने के बाद मंदिर को धुला गया, गंगाजल छिड़का गया, पुजारियों ने वजह क्या बताई?

इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने कहा था कि शरीयत की नज़र में नसीम सोलंकी 'मुज़रिम' हैं. मंदिर मैनेजमेंट ने मुस्लिम धर्मगुरुओं की टिप्पणी को मंदिर का अपमान बताया है.

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31 अक्टूबर को नसीम सोलंकी वनखंडेश्वर मंदिर पहुंची थीं. यहां उन्होंने शिवलिंग पर जल चढ़ाकर पूजा की थी. (फोटो: आजतक)
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सिमर चावला

उत्तर प्रदेश के कानपुर में उस शिव मंदिर की गंगा जल से धुलाई की गई है, जहां सीसामऊ विधानसभा सीट की सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी पूजा करने गई थीं. पूरे मंदिर में गंगा जल छिड़का गया और शिवलिंग को गंगा जल से धुला गया. मंदिर के मैनेजमेंट के लोगों का कहना है कि ये कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि मुस्लिम धर्मगुरुओं ने नसीम सोलंकी के मंदिर में पूजा करने पर ऐतराज जता कर हिंदू धर्म का अपमान किया है.

मामला क्या है?

कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है. इस सीट से सपा ने पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को टिकट दिया है. 31 अक्टूबर को नसीम सोलंकी वनखंडेश्वर मंदिर पहुंची थीं. यहां उन्होंने शिवलिंग पर जल चढ़ाकर पूजा की थी. इस पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने आपत्ति जताई. 

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने कहा था कि शरीयत की नज़र में नसीम सोलंकी 'मुज़रिम' हैं. उन्होंने कहा कि नसीम सोलंकी को तौबा करना चाहिए यानी माफी मांगनी चाहिए और दोबारा कलमा पढ़ना चाहिए.

ये भी पढ़ें- 'माफी के साथ कलमा पढ़ें...' सपा कैंडिडेट नसीम सोलंकी के मंदिर जाने के खिलाफ फतवा जारी

आजतक के सिमर चावला की रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद वनखंडेश्वर मंदिर की गंगा जल से धुलाई की गई. हरिद्वार से मंगाए गए गंगा जल से शिव लिंग को धोते मंदिर के एक ट्रस्टी ने कहा,

"कुछ ऐसे लोग आ गए थे, जिनके लिए उन्हीं के धर्मगुरुओं द्वारा फतवा जारी कर दिया गया है कि उन्हें मंदिर नहीं जाना चाहिए था. इसलिए हरिद्वार के गंगाजल से हम अपने बाबा को हम शुद्ध कर रहे हैं. मंदिर में कोई भी आ सकता है. हम सबका स्वागत करते हैं. हमारे यहां कोई आया, हमने उनका स्वागत किया, तो उनके धर्मगुरुओं ने इसका (मंदिर आने की बात का) अपमान क्यों किया? हमारे बाबा का अपमान हुआ है."

मंदिर के मैनेजमेंट में शामिल एक व्यक्ति ने कहा कि जब नसीम सोलंकी शिव लिंग पर जल चढ़ा कर गईं, तो उनके धर्मगुरुओं ने इसके लिए उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया. मंदिर के लोगों का कहना है कि उनका विरोध आपत्ति जताने वाले धर्मगुरुओं के खिलाफ है.

वहीं नसीम सोलंकी ने कहा है कि वो अपने कार्यकर्ताओं की खुशी के लिए मंदिर गई थीं. उन्होंने कहा कि उनके पति इरफान सोलंकी ने उसी मंदिर में काफी काम कराया है. पहले कभी इस चीज को मुद्दा नहीं बनाया गया. उन्होंने कहा कि उनके मजहब में मंदिर जाने पर मनाही नहीं है. वो गुरुद्वारे भी गई हैं और चर्च भी जा चुकी हैं. नसीम सोलंकी ने कहा कि इस मुद्दे का चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ेगा, जनता हकीकत जानती है और उन्हें मजबूती मिलेगी.

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