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कानपुर में रेलवे ट्रेक पर एक महीने में तीसरी बार मिला सिलेंडर! लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगा रोकी ट्रेन

Kanpur News: पुलिस ने बताया कि Pushpak Express ट्रेन Fire Safety Cylinder से कुछ ही दूरी पर रुकी थी. बड़ा हादसा हो सकता था. लेकिन लोको पायलट ने सूझबूझ दिखाई.

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लोको पायलट ने रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर पड़ा देखा. (प्रतीकात्मक तस्वीर - आजतक)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर में फिर रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर मिलने का मामला सामने आया है (Fire Safety Cylinder in Kanpur railway track). पुलिस ने बताया कि पुष्पक एक्सप्रेस के लोको पायलट ने ट्रैक पर लाल रंग का सिलेंडर पड़ा देखा. उसने समय रहते इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया, इसीलिए हादसा टल गया. पुलिस ने बताया कि ट्रेन सिलेंडर से कुछ ही दूरी पर रुकी थी. बीते एक ही महीने में ये कानपुर में रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर रखे जाने का ये तीसरा मामला है.

घटना गोविंदपुरी स्टेशन और भीमसेन स्टेशन के बीच हुई. NDTV की ख़बर के मुताबिक़, ट्रेन मुंबई से लखनऊ जा रही थी और 29 सितंबर की शाम 4.15 बजे गोविंदपुरी स्टेशन के पास होल्डिंग लाइन पर पहुंची थी. तभी ड्राइवर ने पटरी पर फ़ायर सेफ़्टी सिलेंडर देखा. इससे वो चौंक गया. ड्राइवर ने बताया कि ट्रेन की गति धीमी थी, इससे उसे एक बड़ी दुर्घटना टालने में मदद मिली. बताया गया कि फ़ायर सेफ़्टी सिलेंडर या अग्निशामक यंत्र (Fire Extinguisher) रेलवे की तरफ़ से जारी किया गया था.

कंट्रोल रूम को ख़बर देने के बाद ड्राइवर सिलेंडर को कानपुर सेंट्रल ले गया. पुलिस ने बताया कि सिलेंडर सेक्शन इंजीनियर ने जारी किया था. मामले की जांच की जा रही है. घटना पर अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) (रेलवे) की भी प्रतिक्रिया आई है. आजतक की ख़बर के मुताबिक़, उन्होंने बताया,

लोको पायलट ने कंट्रोल रूम को ख़बर दी थी. लेकिन बाद में पता चला कि वो फ़ायर सेफ़्टी का ही हिस्सा था. रेलवे अधिकारियों ने रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) के साथ जॉइंट रूप से जांच शुरू की. जांच में पता चला कि इस काम के पीछे कोई आपराधिक इरादा नहीं था. इस मामले में कोई बाहरी या अन्य आपराधिक संलिप्तता नहीं है. फ़ायर सेफ़्टी सिलेंडर रेलवे की संपत्ति थी और इसे सेक्शन इंजीनियर (कैरिज एंड वैगन) गोरखपुर ने जारी किया था. ये किसी दुर्घटनावश किसी अन्य ट्रेन से गिर गया होगा.

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ADG ने कहा कि मामले में FIR दर्ज कर ली गई है. आगे जांच की जा रही है. बता दें, हाल की घटनाओं की वजह से रेलवे के अधिकारी अलर्ट पर हैं. इससे पहले, 9 सितंबर कानपुर में रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर रखा गया था, जिससे ट्रेन टकरा गई. हालांकि, सिलेंडर फटा नहीं. जांच के दौरान पास की झाड़ियों में पुलिस को एक सिलेंडर, पेट्रोल की बोतल, माचिस और बारूद जैसी कई घातक चीजें मिली थीं. इसके बाद, 22 सितंबर को भी ऐसी ही घटना सामने आई थी.

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