सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेवार है. इसे रेलवे अनाउंसमेंट तो नहीं, कानपुर पुलिस का अलर्ट समझ सकते हैं. मतलब उसने अलर्ट दिया नहीं है, उसके एक पुलिसकर्मी ने कांड ऐसा किया है कि हमें ऐसा लिखना पड़ा है.
कानपुर: थाने में खड़ी कार का टायर चुरा ले गए... चोर नहीं, पुलिसवाला!
घटना का CCTV फुटेज सामने आया है. इसमें थाने में तैनात पुलिसवाला एक सीज की हुई गाड़ी का टायर निकलवाकर थाने के अंदर ले जाते हुए दिख रहा है. इस काम में कुछ लोगों ने उसकी मदद की.

भई पुलिस का काम क्या है? हमारी रक्षा करना. हमारा सामान उसके पास हो तो उसकी भी रक्षा करना. लेकिन कानपुर के ग्वालटोली थाने का एक पुलिसवाला इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता. उसका एक CCTV फुटेज सामने आया है. इसमें थाने में तैनात पुलिसवाला एक सीज की हुई गाड़ी का टायर निकलवाकर थाने के अंदर ले जाते हुए दिख रहा है. इस काम में कुछ लोगों ने उसकी मदद की. गाड़ी के मालिक ने आरोप लगाया है कि पुलिसवालों ने उसकी गाड़ी का टायर चुरा लिया है. उसने आगे जांच की मांग की है.
आजतक से जुड़े सिमर चावला की रिपोर्ट के मुताबिक़ सीज की हुई गाड़ी इनोवा थी. काले रंग की. गाड़ी के मालिक ने अपनी शिकायत में पुलिस कमिश्नर से कहा,
“27 नवंबर को रात 1 बजे से 2 बजे के बीच थाने में तैनात सिपाही अनुज ने एक गोल्डन कलर की इनोवा कार की स्टेपनी किसी से निकलवाई. उसकी नंबर प्लेट पर पूरा नंबर भी नहीं लिखा हुआ था. बाद में जिससे पुलिसवाले ने स्टेपनी निकलवाई उसे जाने दिया. फिर थाने में बने स्टेशन इंचार्ज के कमरे के पास वाले कमरे से दो लोग बाहर आए. उन्होंने सिपाही अनुज की सहायता की. स्टेपनी को लुढ़का कर थाने के बाहर खड़ी काली रंग की इनोवा के पास ले जाने के लिए. वो लोग पीछे दीवार की तरफ़ गए. और एक पहिया खोला और उसे थाने के अंदर ले गए.”
शिकायकर्ता ने ये भी आरोप लगाया कि उसने इस बात की जानकारी अगले दिन स्टेशन इनचार्ज राकेश कुमार सिंह को दी थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई ‘नहीं’ की. बजाय इसके उन्होंने गोल्डन कलर की इनोवा को वहां से ‘हटवा’ दिया. इस घटना के बाद शिकायकर्ता पुलिस कमिश्नर के पास गए.
आजतक से बातचीत के दौरान सेंट्रल डीसीपी प्रमोद कुमार ने मामले पर बयान दिया. उन्होंने कहा,
“CCTV में कुछ पुलिसकर्मी टायर ले जाते हुए दिख रहे हैं. अभी आगे की जांच चल रही है. जब तक नहीं पता चलता ऐसा क्यों किया गया है, कुछ भी जानकारी नहीं दी जा सकती.”
डीसीपी ने बताया कि पूरे मामले की जांच ACP कर्नलगंज को सौंप दी गई है. वहां से रिपोर्ट आते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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