भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा सांसद और एक्टर कंगना रनौत के किसान आंदोलन (Kangana Ranaut on farmers protest) पर दिए गए बयान से दूरी बना ली है. पार्टी ने कंगना रनौत को दो टूक कहा है कि वे भविष्य में इस तरह का कोई बयान न दें. हिमाचल प्रदेश की मंडी से सांसद रनौत ने एक इंटरव्यू में कह दिया कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो किसान आंदोलन के दौरान बांग्लादेश जैसी स्थिति होती. कंगना के इस बयान पर विपक्ष के नेता बीजेपी पर सवाल उठा रहे हैं. कुछ बीजेपी नेताओं ने भी इस बयान पर आपत्ति जताई थी.
कंगना रनौत ने सोचा नहीं होगा, किसान आंदोलन को लेकर BJP उनके साथ ऐसा करेगी
कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू में कह दिया कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो किसान आंदोलन के दौरान बांग्लादेश जैसी स्थिति होती.
आलोचनाओं के बाद, अब बीजेपी ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया किसान आंदोलन को लेकर कंगना रनौत का बयान पार्टी का मत नहीं है. पार्टी ने आगे कहा है,
"बीजेपी कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है. पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं."
प्रेस रिलीज में आगे लिखा है कि बीजेपी की ओर से कंगना रनौत को कहा गया है कि वे भविष्य इस तरह का कोई बयान न दें. पार्टी ने बयान लिखा है,
कंगना ने क्या कहा था?"भारतीय जनता पार्टी 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' और सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए प्रतिबद्ध है."
कंगना ने अपने एक्स हैंडल से एक वीडियो को री-पोस्ट किया है. इसमें कंगना खुद कह रही हैं,
"जो बांग्लादेश में हुआ है, वो यहां होते हुए भी देर नहीं लगनी थी...अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व इतना मजबूत नहीं होता. किसान आंदोलन के दौरान वहां लाशें लटकी थीं, वहां रेप हो रहे थे. और जब किसानों के हितकारी बिल वापस लिए गए तो पूरा देश चौंक गया. लेकिन वे किसान आज भी वहां बैठे हुए हैं. उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि ये बिल वापस होगा."
कंगना ने इसे "षडयंत्र" बताते हुए कहा कि ये बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुई है. उन्होंने दावा किया कि चीन, अमेरिका और इस तरह की विदेशी शक्तियां यहां काम कर रही हैं.
कंगना रनौत के इसी बयान पर कांग्रेस ने बीजेपी पर सवाल खड़े कर दिए थे. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने एक वीडियो के जरिये कहा है कि कंगना के बयान पर बीजेपी को साफ करना होगा, सरकार चुप नहीं रह सकती है. श्रीनेत ने सवाल उठाया,
"बीजेपी बिल्कुल चुप है. बीजेपी और सरकार को साफ करना पड़ेगा कि क्या उनका भी यही मत है. क्या आपको भी लगता है कि इस देश के अन्नदाता हत्यारे और बलात्कारी हैं? या तो इसका खंडन करिये या यही आपका आधिकारिक स्टैंड माना जाएगा. नहीं तो, कंगना रनौत को कान पकड़कर माफी मांगनी चाहिए."
पंजाब के कांग्रेस नेता राज कुमार वेरका ने कंगना के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई करने और FIR दर्ज करने की मांग की है.
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वहीं, बीजेपी नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने भी कहा कि कंगना को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. उन्होंने कंगना के बयान को निजी बताते हुए कहा कि बीजपी किसान हितैषी है.
ये पहली बार नहीं है जब कंगना ने किसान आंदोलन को लेकर इस तरह का बयान दिया हो. पहले भी इस तरह के बयानों के कारण वो विवादों में रहीं.
2021 में किसान आंदोलन के दौरान कंगना ने कहा था कि आंदोलन में शामिल महिलाएं ‘100-100 रुपये लेकर’ धरने पर बैठने आती हैं. इसकी काफी आलोचना हुई थी. इस साल जून में चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF की महिला सिपाही ने कंगना रनौत को थप्पड़ मार दिया था. महिला सिपाही का आरोप था कि वो कंगना के इसी बयान से आहत थीं, क्योंकि उनकी मां भी किसान आंदोलन का हिस्सा रही थीं.
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