बीजेपी से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) का टिकट मिलने के बाद से अभिनेत्री कंगना रनौत की हर तरफ चर्चा है. बीजेपी ने उन्हें हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. जब से इसकी घोषणा हुई है तब से कंगना रनौत के समर्थन और विरोध में लगातार रिएक्शन आ रहे हैं. कई लोगों को यकीन है कि कंगना चुनाव जीतेंगी और एक कामयाब सियासी पारी खेलेंगी. वहीं कई लोग उनके कुछ पुराने ट्वीट्स ढूंढ लाए हैं. इनमें कंगना रनौत ने आरक्षण जैसे मुद्दे पर अपनी राय रखी थी. इसे लेकर कंगना यूजर्स के निशाने पर हैं.
कंगना रनौत ने आरक्षण पर क्या कहा था जो लोकसभा चुनाव का टिकट मिलने के बाद से वायरल है?
BJP से लोकसभा चुनाव का टिकट मिलने के बाद से Kangana Ranaut के पुराने Tweets सोशल मीडिया पर वायरल हैं. इनमें उन्होंने आरक्षण (Reservation) पर अपनी राय रखी थी. अभिनेत्री के और भी पुराने ट्वीट्स को खोजा जा रहा है.
सोशल मीडिया पर कंगना के पुराने ट्वीट वायरल हैं. इनमें उन्होंने भारत में जाति और आरक्षण को लेकर लिखा था,
"आरक्षण तो हमेशा गरीबी को आधार बनाकर देना चाहिए. जाति के नाम पर आरक्षण नहीं होना चाहिए. मुझे पता है कि राजपूत समुदाय काफ़ी तकलीफ में है, लेकिन ब्राह्मणों की स्थिति देखकर भी बहुत दुख होता है."
कंगना ने ये बात @TIinExile नाम के यूजर के पोस्ट पर कही थी. उस पोस्ट में लिखा था,
"सभी ब्राह्मणों में से 55% ब्राह्मण गरीबी रेखा से नीचे हैं. ब्राह्मण हमेशा से गरीब रहे हैं. महाभारत में कई गरीब अन्चावृत्ति ब्राह्मणों के बारे में बताया है. जिनके पास अगले दिन खाने के लिए भी कुछ नहीं होता था."
करीब चार साल पुराने इस ट्वीट को आधार बनाकर अब कंगना पर सवाल उठाए जा रहे हैं. 26 मार्च को लोकश नाम के यूजर ने कंगना के इस पुराने पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा,
"कंगना के आरक्षण विरोधी रुख और जातिवादी विचार. वो लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से अयोग्य उम्मीदवार हैं."
नरेंद्र नाम के यूजर ने लिखा,
“कंगना रनौत राजपूत नहीं हैं, वह सिर्फ एक महिला हैं. मुझे उनकी एक्टिंग पसंद है. लेकिन वह मेरे आरक्षण अधिकारों से नफ़रत करती हैं. जो लोग आरक्षण से नफ़रत करते हैं उन्हें लोकसभा चुनाव नहीं जीतना चाहिए.”
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डॉक्टर, पायलट को आरक्षण का सामना करना पड़ता हैकंगना के एक और ट्वीट की चर्चा है. 23 मार्च 2020 को कंगना ने आरक्षण को लेकर एक ट्वीट किया था. इसमें उन्होंने कहा था कि जाति प्रथा को अब ‘मॉडर्न इंडिया’ ने खारिज़ कर दिया है. उन्होंने लिखा,
हिमाचल से चुनाव नहीं लड़ना चाहती थीं"जाति प्रथा को आधुनिक भारतीयों ने खारिज़ कर दिया है. छोटे शहरों में हर कोई जानता है कि यह अब कानून द्वारा स्वीकार्य नहीं है. यह कुछ लोगों के लिए सैडिस्टिक प्लेजर (दुख पहुंचाकर मिलने वाली खुशी) से ज़्यादा कुछ नहीं है. आरक्षण को सिर्फ़ हमारे संविधान ने ही लागू किया हुआ है. इसे जाने देते हैं. आरक्षण का सामना डॉक्टर, इंजीनियर, पायलट जैसे प्रोफ़ेशन में भी करना पड़ता है."
आरक्षण के अलावा कंगना का एक और ट्वीट वायरल है. मार्च 2021 के इस पोस्ट में कंगना ने लिखा था,
"2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मुझे ग्वालियर का विकल्प दिया गया था. हिमाचल प्रदेश की आबादी मुश्किल से 60-70 लाख है, यहां गरीबी और अपराध नहीं है. अगर मैं राजनीति में आती हूं, तो मुझे जटिलताओं वाला एक राज्य चाहिए, जिस पर मैं काम कर सकूं और उस क्षेत्र की रानी बन सकूं."
लेकिन कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश से ही चुनाव लड़ने जा रही हैं. ऐसे में उनका पुराना पोस्ट रेडिट पर वायरल है. एक यूजर ने इसे शेयर करते हुए लिखा,
“पाखंड की भी एक सीमा होती है.”
प्रतिक्रियाओं में एक प्रतिक्रिया कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत के सोशल मीडिया अकाउंट से भी आई. आरोप लगा कि पोस्ट में कंगना के कैरेक्टर पर भद्दी टिप्पणी की गई. बाद में सुप्रिया श्रीनेत ने सफ़ाई देते हुए कहा कि उन्होंने खुद ये आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की है, बल्कि उनका अकाउंट ऑपरेट कर रहे किसी और शख्स ने पोस्ट किया था. इसके बाद भी कंगना रनौत का X अकाउंट खंगाला जा रहा है.
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