दिल्ली के कथित शराब घोटाले के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) का एक्शन लगातार जारी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब ED ने दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को समन भेजा था. आज 30 मार्च को करीब 5 घंटे तक उनसे पूछताछ की गई.
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ED ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि कैलाश गहलोत के पास एक ही सिम नंबर था लेकिन उनका IMEI तीन बार बदला गया.

जांच एजेंसी का आरोप है कि AAP नेता कैलाश गहलोत भी उस ग्रुप का हिस्सा थे जिसने दिल्ली आबकारी नीति का ड्राफ्ट तैयार किया था और साउथ ग्रुप के साथ लीक किया गया. इतना ही नहीं ED ने AAP नेता पर शराब कारोबारी विजय नायर को अपना सरकारी आवास देने का भी आरोप लगाया है. इस मामले में AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह और CM केजरीवाल जेल में हैं.
कैलाश गहलोत ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि,
तीन बार बदला IMEI“मुझसे जो भी सवाल पूछे गए, मैंने उन सभी का जवाब दिया. मैं कभी AAP के गोवा चुनाव अभियान का हिस्सा नहीं था. जो कुछ हुआ उससे मैं अनभिज्ञ था. मैं अपने आवंटित आधिकारिक बंगले में नहीं रह रहा था. बंगले में विजय नायर रह रहे थे. मुझे सिविल लाइंस में सरकारी बंगला आवंटित किया गया था, लेकिन मैं हमेशा वसंत कुंज में अपने निजी आवास में रहता था क्योंकि मेरी पत्नी और बच्चे वहां से जाना नहीं चाहते थे.”
ED ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति के तहत 'साउथ ग्रुप' ने शराब कारोबार के लाइसेंस के एवज में AAP और उसके नेताओं को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी. ‘साउथ ग्रुप’ में भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता शामिल थीं. ED ने अपने चार्जशीट में यह भी आरोप लगाया है कि कैलाश गहलोत के पास एक ही सिम नंबर था लेकिन उनकी IMEI (अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान) तीन बार बदला गया.
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