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दिल्ली दंगों पर पुलिस को रगड़ने वाले जस्टिस मुरलीधर सुप्रीम कोर्ट आ रहे, लेकिन अलग रोल में

जस्टिस एस मुरलीधर को 2020 के दिल्ली दंगों की महत्वपूर्ण सुनवाई के लिए याद किया जाता है. इसमें उन्होंने हिंसा पर दिल्ली पुलिस और सरकार पर तीखी टिप्पणी की थी. साल 2020 में हुई दिल्ली हिंसा के दौरान आधी रात को कोर्ट बैठी. जगह थी एस मुरलीधर का आवास.

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जस्टिस मुरलीधर को दिल्ली हाईकोर्ट में 2006 में बतौर जज नियुक्त किया गया था. (फोटो- ANI)

ओडिशा हाई कोर्ट (Orissa High Court) के चीफ जस्टिस के पद से रिटायर हुए एस मुरलीधर (S Muralidhar to practice law) सुप्रीम कोर्ट आ रहे हैं. वे अब वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में सुप्रीम कोर्ट में वकालत करेंगे. 16 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक मीटिंग में ये फैसला लिया. जस्टिस मुरलीधर दिल्ली हाई कोर्ट और पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में जज के तौर पर भी काम कर चुके हैं.

जस्टिस मुरलीधर को दिल्ली हाई कोर्ट में 2006 में बतौर जज नियुक्त किया गया था. उनका कार्यकाल 2023 में पूरा हुआ. 2018 में उन्होंने 1984 के सिख दंगों के आरोपी सज्जन कुमार को उम्रकैद देने का फैसला सुनाया था. जस्टिस मुरलीधर होमोसेक्शुअलिटी को डीक्रिमिनलाइज करने वाली दिल्ली हाई कोर्ट की बेंच का भी हिस्सा रहे हैं.

दिल्ली हिंसा पर सरकार को घेरा था

जस्टिस एस मुरलीधर को 2020 के दिल्ली दंगों की महत्वपूर्ण सुनवाई के लिए याद किया जाता है. इसमें उन्होंने हिंसा पर दिल्ली पुलिस और सरकार पर तीखी टिप्पणी की थी. साल 2020 में हुई दिल्ली हिंसा के दौरान आधी रात को कोर्ट बैठी. जगह थी एस मुरलीधर का आवास. सुनवाई करते हुए जजों ने दिल्ली पुलिस को निर्देश देकर कहा कि सबसे पहले सुनिश्चित करें कि घायलों को अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाया जा सके. जिसके बाद सुबह सुनवाई हुई.

दिल्ली पुलिस की तरफ से कोर्ट पहुंचे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता. जस्टिस एस मुरलीधर ने एसजी मेहता से पूछा कि क्या आपने तीनों वीडियो देखे हैं? मेहता ने इनकार कर दिया. इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि क्या कोर्ट रूम में कोई सीनियर पुलिस अधिकारी मौजूद है? इस पर एक पुलिस अधिकारी सामने आया.              

कोर्ट ने पुलिस अधिकारी से पूछा कि क्या आपने तीनों वीडियो देखे हैं? पुलिस अधिकारी ने कहा कि दो देखे हैं, लेकिन कपिल मिश्रा वाला नहीं देखा. इस पर जस्टिस मुरलीधर ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि, क्या आप कह रहे हैं कि पुलिस कमिश्नर ने वो वीडियो ही नहीं देखा है जो खुद उनसे जुड़ा हुआ है? ये एक गंभीर मुद्दा है. जस्टिस मुरलीधर ने कहा था कि वो दिल्ली पुलिस का कामकाज देखकर चकित हैं.

कोर्ट ने कहा था कि इस अदालत के होते हुए दिल्ली में दूसरा 1984 नहीं होने दे सकते हैं. उसने सरकार से कहा कि तेजी से काम करें. संवैधानिक पदों पर बैठे जिन भी लोगों के पास Z श्रेणी की सुरक्षा है, वे नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के तनावग्रस्त इलाकों में जाएं. लोगों से बात करें. दिल्ली पुलिस से कहा कि हेल्पलाइन बढ़ाएं.

जस्टिस मुरलीधर की इस टिप्पणी के ठीक अगले दिन उनका ट्रांसफर हो गया था. उन्हें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट भेज दिया गया था.

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वीडियो: हिंसा पर पुलिस को हड़काने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जज एस मुरलीधर का ट्रांसफर