अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने आज अपना तीसरा स्टेट ऑफ़ द यूनियन भाषण दिया. स्टेट ऑफ़ द यूनियन माने एक भाषण, जो अमेरिका के राष्ट्रपति को हर साल देना होता है. इसमें वो देश की मौजूदा स्थिति और अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हैं. लगे हाथ विपक्षियों को भी खींच लेते हैं.
चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रपति जो बाइडन का भाषण, ट्रंप पर तो बोले ही भारत के लिए भी...
विदेश नीति, प्रवासी नीति, इज़रायल-ग़ाज़ा युद्ध और गर्भपात के अधिकार पर क्या बोले जो बाइडन?
ये बाइडन के मौजूदा कार्यकाल का आख़िरी स्टेट ऑफ़ यूनियन था, भला वो ये मौक़ा कैसे चूकते. बाइडन तुरंत ही अपने कैम्पेन पर आ गए– लोकतंत्र की रक्षा. उन्होंने ट्रंप को आड़े हाथों लिया और भीड़ में खड़े ट्रंप समर्थकों को कहा,
मेरे पूर्ववर्ती और यहां आप में से कुछ लोग 6 जनवरी (अमेरिकी संसद पर हमले) की सच्चाई को दफ़नाना चाहते हैं. मैं ऐसा नहीं करूंगा. ये सच बोलने का समय है... और यहां सरल स्पष्ट है. आप जीतें या हारें, इससे आपके देशप्रेम पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ना चाहिए.
उन्होंने साफ़ कहा कि ट्रम्प राष्ट्रपति पद के सबसे बुनियादी कर्तव्य में असफल रहे, जो अमेरिकियों के प्रति उनका दायित्व था.
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अपनी विदेश नीति की तारीफ़ करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूस और चीन को भी संदेश दिया. रूस के केस में तो सीधे पुतिन को संबोधित करते हुए कहा कि वो उनके सामने नहीं झुकेंगे. चीन पर निर्भरता कम हुई है, इसे अपनी सरकार की उपलब्धि के तौर पर गिनाया. अपने पिछले स्टेट ऑफ़ द यूनियन संबोधन में बाइडन ने कहा था कि अमेरिका चीन के साथ प्रतिस्पर्धा चाहता है, संघर्ष नहीं. इस बार उनके सुर बदल गए. कहा,
हम चीन की अनुचित आर्थिक प्रैक्टिसेज़ के ख़िलाफ़ हैं. हम ताइवान में शांति और स्थिरता चाहते हैं. और, सहयोगियों और प्रशांत क्षेत्र, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण और कोरिया के साथ अपनी पार्टनरशिप को पुनर्जीवित करना चाहते हैं.
बाइडन ने यूक्रेन और मध्य-पूर्व में छिड़ी जंगों के बारे में भी बात की. कहा कि अमेरिका अपने सहयोगियों को समर्थन देता रहेगा और युद्धग्रस्त क्षेत्र तक मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए ग़ाज़ा में एक बंदरगाह बनाएगा.
जून, 2022 में अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने देश की महिलाओं को मिले गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को ख़त्म कर दिया था. बाइडन ने जनता के सामने वादा कर दिया है कि वो इस फ़ैसले को पलट देंगे और महिलाओं को वापस गर्भपात का अधिकार दिलवाएंगे. इसी में उन्होंने सीधे-सीधे रिपब्लिकन और ट्रंप पर निशाना साधा कि इस सदन में आप में से कई लोग गर्भपात पर राष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने की बात कर रहे हैं. इससे कई महिलाएं अनचाहा गर्भ झेलेंगी, बलात्कार से हुई गर्भावस्था को सहना पड़ सकता है.
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इमिग्रेशन पॉलिसी मुल्क के लिए एक बड़ी बहस है. इसी साल की फ़रवरी में ऑगस्टा विश्वविद्यालय में 22 साल की छात्रा लैकन राइली की हत्या कर दी गई थी. आरोप लगे वेनेज़ुएला से आए एक अवैध आप्रवासी जोस एंटोनियो इबारा पर. इससे लोगों में रोष था. बाइडन के भाषण के दौरान एक व्यक्ति ने उन्हें टोका भी. तो बाइडन ने कहा कि ‘एक अवैध व्यक्ति ने एक निर्दोष युवा महिला को मार डाला’. डेमोक्रैट आमतौर पर अवैध बोलने से बचते हैं. इसीलिए बाइडन का ये कहना उनकी इमीग्रेशन पॉलिसी में बदलाव के संकेत देता है.
NBC न्यूज़ के साहिल कपूर की रिपोर्ट के मुताबिक़, राष्ट्रपति ने दर्शकों के सामने अपनी पॉपुलर छवि को चमकाने की कोशिश की. डेमोक्रैट्स को वर्किंग क्लास की पार्टी और रिपब्लिकन को अति-अमीरों का मोहरा बताया. डेमोक्रैट समर्थकों ने तालियां बजाईं और रिपब्लिकन चुप हो गए. तब ही बाइडन ने रिपब्लिकन पर ये आरोप भी लगा दिए कि वो सामाजिक सुरक्षा में कटौती करना चाहते हैं. इससे दोनों तरफ़ के लोग चिल्लाए, हंगामा किया.
अक्सर राष्ट्रपति बाइडन की उम्र का ज़िक्र होता है. विपक्षी दल बहुत बार ये बात करते हैं कि बाइडन बहुत उम्रदराज़ हैं, और काम करने के योग्य नहीं है. अपने भाषण के अंत में जो बाइडन ने अपनी उम्र की बात की. कहा कि उनकी उम्र तक कुछ चीज़ें पहले से कहीं ज़्यादा साफ़ हो जाती हैं.
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