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बिना 'ठोस वजह' पति से अलग रह रही है पत्नी तो नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता- झारखंड हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें महिला को हर महीने 15 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने को कहा गया था.

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पत्नी ने फैमिली कोर्ट में 50 हजार रुपये एलिमनी की मांग की थी. (सांकेतिक तस्वीर- AI द्वारा बनाई गई है)

झारखंड हाई कोर्ट ने हाल में महिलाओं को मिलने वाले गुजारा भत्ता को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बिना किसी ‘ठोस वजह’ के पति से अलग रहने वाली महिला गुजारा भत्ता की हकदार नहीं होंगी. साथ में हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें महिला को हर महीने गुजारा भत्ता देने को कहा गया था.

हाई कोर्ट ने ये फैसला अमित कुमार कच्छप नाम के व्यक्ति की याचिका पर दिया है. अमित ने रांची फैमिली कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. फैमिली कोर्ट ने अमित को आदेश दिया था कि वो अलग हुई पत्नी को हर महीने 15 हजार रुपये गुजारा भत्ता दे.

अलग होने की वजह ठोस नहीं- HC

अमित ने हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन पिटीशन याचिका दायर की. हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की तरफ से पेश किए गए साक्ष्यों पर सुनवाई की.

आजतक से जुडे़ सत्यजीत कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस सुभाष चंद्र ने सुनवाई के दौरान पाया कि अमित कच्छप की पत्नी 'बिना किसी ठोस वजह’ के अपने पति से अलग रह रही हैं. लिहाजा दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 125(4) के तहत वो किसी भी राशि की हकदार नहीं हैं.

पति-पत्नी ने किए कई दावे

याचिकाकर्ता अमित का कहना था कि शादी के बाद उनकी पत्नी केवल एक हफ्ते के लिए ससुराल में रहीं. इसके बाद वो अपने मायके रांची चली गईं. ये बताकर कि 15 दिनों में वापस आ जाएगी. लेकिन बार-बार बुलाने के बाद भी वो ससुराल नहीं लौटीं.

वहीं, पत्नी संगीता टोप्पो ने रांची की फैमिली कोर्ट में अपने पति अमित कुमार के खिलाफ दहेज मांगने का आरोप लगाकर केस दर्ज कराया था. संगीता ने बताया था कि 2014 में शादी के बाद जब वो ससुराल गईं तो उन पर कार, फ्रिज, एलईडी टीवी सहित कई चीजें मांग कर दबाव बनाया गया.

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इतना ही नहीं, संगीता ने अपने पति अमित पर शराब के नशे में दुर्व्यवहार का भी आरोप लगाया. संगीता का कहना था कि अमित का किसी और महिला के साथ अफेयर भी चल रहा था.

इन तमाम आरोपों के आधार पर संगीता ने फैमिली कोर्ट में पति अमित से गुजारा भत्ता के लिए हर महीने 50 हजार रुपये दिए जाने की मांग की थी. फैमिली कोर्ट ने संगीता के पक्ष में आदेश पारित करते हुए अमित को 15 हजार रुपए प्रतिमाह देने का आदेश दिया था. हालांकि अब हाई कोर्ट ने फैसले को निरस्त कर दिया.

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