झारखंड के धनबाद जिले में कोयले की एक खदान के धंस जाने से 3 लोगों की मौत हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हादसा खदान से अवैध रूप से कोयले का खनन करने के दौरान हुआ है. खदान में अभी भी दर्जन भर से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है.
झारखंड में कोयला खदान धंसने से 3 की मौत, कई लोगों के फंसने की आशंका
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ लोग खदान में अवैध रूप से खुदाई का काम कर रहे थे. उसी दौरान हादसा हो गया.

धनबाद से 21 किलोमीटर दूर भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) का कोयले की खदान का इलाका है. BCCL, कोल इंडिया लिमिटेड की एक सहयोगी इकाई है. इसका मुख्यालय भी धनबाद में ही है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हादसा शुक्रवार सुबह 10:30 बजे BCCL के भौरा खदान इलाके के आसपास हुआ. इसमें कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई. कई और लोगों के फंसे होने की आशंका है. खबर के मुताबिक़ ये लोग आसपास के गांवों के रहने वाले हैं और कथित रूप से खदान में कोयले का अवैध खनन कर रहे थे.
इलाके के डिप्टी SP अभिषेक कुमार के मुताबिक़ अभी ये साफ़ तौर पर नहीं कहा जा सकता कि कितने लोगों की मौत हुई है और कितने लोग अभी भी खदान के अंदर फंसे हैं. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतकों के परिजनों ने BCCL के भौरा एरिया के ऑफिस के सामने शव रखकर घंटों प्रदर्शन किया है और मुआवजे की मांग की है.
धनबाद में कोयला खदानों और उनके आसपास के इलाकों में कोयला माफिया हावी हैं. ये लोग कोयले का अवैध खनन करते हैं. नियमतः खदानों में कोयले के खनन के बाद खाली हुई जगह को बालू या फ्लाई ऐश (एक प्रदूषक जो कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों में बनता है) से भरा जाना चाहिए. लेकिन खनन कंपनियां किसी खदान से तब तक ही कोयला निकालती हैं जब तक ये महंगा साबित नहीं होने लगता.
जब कंपनियां खदानों को खाली छोड़ देती हैं तो कोयला माफिया इन खदानों पर हावी हो जाते हैं. इनसे कोयला निकालना शुरू करते हैं. पैसे के लालच में स्थानीय लोग भी इस काम में शामिल हो जाते हैं. चोरी-छिपे कोयला निकालने के इस काम में नियमों को ताक पर रख दिया जाता है. और ऐसे में कई बार खदान के धंसने या और किसी तरह की दुर्घटना की खबर आती है.
ज्यादा पीछे न जाएं तो बीती अप्रैल में कोयले के अवैध खनन के दौरान धनबाद में देवियाना गांव के पास खदान धंस गई थी. इस हादसे में कई लोग दब गए थे. कुछ घर भी छतिग्रस्त हो गए थे. फिलहाल, जो घटना हुई है उसमें राहत और बचाव कार्य जारी है.
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