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झारखंड में 18 BJP विधायक सस्पेंड हुए, मार्शल ने उठाकर बाहर निकाला, रात भर विधानसभा में गुजारी रात

इस साल के अंत में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को स्थायी करने के मुद्दों पर घेर रही है.

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बीजेपी विधायकों को मार्शल ने उठाकर बाहर किया. (फोटो- पीटीआई)

झारखंड सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 18 विधायकों को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है. इनमें से कई विधायकों को मार्शल ने उठाकर विधानसभा से बाहर किया. बीजेपी, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को स्थायी करने जैसे मुद्दों पर घेर रही है. इसलिए विधायकों ने सदन की कार्यवाही के दौरान हंगामा किया. इसके बाद स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने 18 विधायकों को 2 अगस्त की दोपहर 2 बजे तक सस्पेंड कर दिया.

इस साल के अंत में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसलिए सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के चुनावी वादों को लेकर विपक्ष अब सवाल खड़े कर रहा है. 31 जुलाई को भी बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में हंगामा किया तो सदन की कार्यवाही 1 अगस्त तक स्थगित कर दी गई थी.

रात भर विधानसभा में सोए विधायक

इंडिया टुडे से जुड़े सत्यजीत की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 जुलाई को कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी बीजेपी विधायक सदन में जमे रहे. बाद में बिजली, एसी और बाकी सुविधाएं बद कर दी गईं. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी विधायकों से मिलने गए, लेकिन गतिरोध दूर नहीं हुआ. बाद में मार्शल ने विधायकों को बाहर निकाला. उसके बाद प्रदर्शन करने वाले विधायक विधानसभा परिसर में ही सो गए और वहीं रात गुजार दी.

रिपोर्ट के मुताबिक, हेमंत सोरेन ने विपक्ष के उठाए जा रहे सवालों पर जवाब देने से 'इनकार' कर दिया. इसके बाद से ही विधायक हंगामा कर रहे हैं. 1 अगस्त को कार्यवाही शुरू हुई तो फिर से बीजेपी विधायकों ने सदन में प्रदर्शन शुरू कर दिया. विधायक वेल तक पहुंच गए. हेमंत सोरेन के खिलाफ नारेबाजी की. वीडियो में ये विधायक कुछ पेपर भी फाड़ते दिख रहे हैं.

इसके बाद स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने 18 विधायकों को सस्पेंड कर दिया. उन्होंने कहा कि विधानसभा की एथिक्स कमिटी मामले की जांच करेगी और एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी.

सरकार का तानाशाही फैसला- बीजेपी

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने स्पीकर के फैसले को सरकार की तानाशाही बताया. बाउरी ने विधानसभा में बयान दिया, 

"विरोध करने का अधिकार संविधान ने दिया है. हम सिर्फ सरकार से जानना चाह रहे थे कि सरकार ने 5 साल पहले किए गए अपने वादे पर क्या किया? वे नहीं बता रहे हैं. आज जो हुआ, वो विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश है."

अमर बाउरी ने आरोप लगाया कि कल (31 जुलाई) को पार्टी के विधायकों को 'हाउस अरेस्ट' की तरह रखा गया. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी (1975) के बाद ये सबसे बड़ा 'काला अध्याय' है.

सस्पेंड होने के बाद बीजेपी विधायक विधानसभा से बाहर प्रदर्शन करते दिखे. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि जेएमएम सरकार के कहने पर स्पीकर ने लोकतंत्र की 'हत्या' की है.

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