उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में बच्चों के वॉर्ड में शुक्रवार, 15 नवंबर की रात आग लग गई. इस दुर्घटना में कम से कम 10 नवजात बच्चो की मौत हो गई, जबकि 16 गंभीर रूप से घायल हुए हैं. आजतक के संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक इस बीच ये भी दावा किया जा रहा है कि वॉर्ड में आग बुझाने के इंतजाम में भी ‘कमी’ थी. हादसे के दौरान मौजूद लोगों का कहना है कि जब बच्चों के वॉर्ड में आग लगी, तब फायर अलार्म नहीं बजा. इतना ही नहीं, आग बुझाने के लिए वॉर्ड में उपलब्ध अग्निशमन यंत्र (fire extinguishers) भी काम नहीं कर रहे थे.
झांसी मेडिकल कॉलेज हादसा: अस्पताल में नहीं चले आग बुझाने वाले यंत्र, फायर अलार्म भी खराब था!
Jhansi Medical College Fire: हादसे के दौरान मौजूद लोगों का दावा है कि जब बच्चों के वॉर्ड में आग लगी, तब फायर अलार्म भी नहीं बजा. प्रत्यक्षदर्शी ने क्या-क्या बताया?
रिपोर्ट के मुताबिक वॉर्ड में उपलब्ध अग्निशमन यंत्र एक्पायर्ड पाए गए हैं. वॉर्ड में उपलब्ध एक अग्निशमन यंत्र पर रिफिल की तारीख 25 जुलाई, 2019 लिखी हुई थी, इसकी एक्सपायरी 2020 तक ही थी. वहीं एक यंत्र पर रिफिल की तारीख 29 सितंबर 2022 लिखी हुई थी, इसकी एक्सपायरी 28 सितंबर, 2023 तक की थी.
घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी ने आजतक से कहा,
"कुछ भी (अग्निशमन यंत्र) काम नहीं कर रहा था. उसमें (फायर एक्सटिंग्विशर में से) से कुछ निकल ही नहीं रहा था. कहीं पर फायर अलार्म नहीं बज रहा था."
झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि हॉस्पिटल की नवजात शिशु देखभाल इकाई (NICU) में 15 नवंबर की रात 10 बजकर 45 मिनट पर आग लगी. ऐसा माना जा रहा है कि बच्चों के वॉर्ड में आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी. वहीं एक प्रत्यक्षदर्शी का दावा है कि ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए ‘माचिस की तीली जलाने पर’ ये हादसा हुआ.
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इस प्रत्यक्षदर्शी ने आजतक को बताया,
"बच्चों के वार्ड में एक ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए नर्स ने माचिस की तीली जलाई और जैसे ही उसकी तीली जली पूरे वार्ड में आग लग गई. इस दौरान, मैंने आग लगते ही अपने गले में पड़े कपड़े से 3 से 4 बच्चों को लपेटकर बचाया. बाद में बाकी लोगों की मदद से कुछ और बच्चों को भी बचाया गया."
इस हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है. वहीं समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने इस घटना पर दुख जताते हुए इसे प्रशासन की ‘लापरवाही’ का मामला बताया है.
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