बिहार में पेपर लीक के चलते रद्द और स्थगित हो रही परीक्षाओं पर JDU के राष्ट्रीय महासचिव और ओडिशा कैडर के पूर्व IAS अधिकारी मनीष वर्मा का बयान सामने आया है (JDU Manish Verma on Paper Leak). मनीष वर्मा का कहना है कि राज्य में पेपर लीक पर बहुत पहले से गिरोह काम कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि इन गिरोह के सदस्यों को सजा भी दी जाती है, लेकिन जले से छूटकर वो फिर उसी काम में लग जाते हैं. बोले- कानून के रहते हुए भी अपराध तो होते ही हैं.
'क्राइम तो होता ही है, लूपहोल रह जाते हैं... ' JDU के मनीष वर्मा ने पेपर लीक की 'असल' वजह बता दी
Manish Verma ने कहा- सरकार इस पर गंभीर हो गई है. नीतीश सरकार सारे लूप होल को खत्म करने का काम रही है. पेपर लीक के गिरोह पर सरकार करीब से नजर रख रही है.
लल्लनटॉप के शो जमघट में संपादक सौरभ द्विवेदी के साथ बातचीत में मनीष वर्मा ने कहा,
पेपर लीक पर बहुत पहले से कई गिरोह काम कर रहे थे और इन गिरोह के लोग बार-बार पेपर लीक कराते हैं. नीट पेपर लीक में जो गिरोह सामने आया, उसका नाम पुराने पेपर लीक में भी सामने आया था. हम लोग पेपर लीक के गिरोह के सदस्यों को पकड़ते हैं, उन्हें सजा दिलाते है. इसके बाद ये लोग छूट जाते हैं और फिर पेपर लीक के काम में लग जाते हैं. अब सरकार इस पर गंभीर हो गई है. नीतीश सरकार सारे लूप होल को खत्म करने का काम रही है. पेपर लीक के गिरोह पर सरकार करीब से नजर रख रही है.
उन्होंने आगे कहा,
BPSC का भी पेपर जब लीक हुआ था तो उसकी जांच कराई गई, पेपर को फिर से कराया गया. जितने भी पेपर लीक हुए हैं, उन सभी पेपर को फ्रेश तरीके से फिर से कराया गया है. उसे बीच में छोड़ नहीं दिया गया.
मनीष वर्मा ने कहा,
कानून के रहते हुए भी अपराध तो होते ही हैं. हम कोशिश तो करते हैं कि पेपर लीक ना हो, लेकिन व्यवस्था में लूप होल रह जाता है. 24 जुलाई को ही बिहार सरकार ने पेपर लीक के खिलाफ एक विधेयक को पारित करवाया है. बिल का नाम- बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक-2024 है. कड़े प्रावधान तय किए हैं. इस पर काम किया जा रहा है. सरकार की नीयत एकदम साफ है कि हम लोग साफ-सुथरे तरीके से परीक्षा कराएं.
मनीष वर्मा से नीतीश कुमार सरकार के सात निश्चयों पर सवाल किया गया तो बोले,
2015 में सात निश्चयों के आधार पर चुनाव लड़ा गया था. गठबंधन को इसके नाम पर वोट भी मिला था. ये सातों निश्चय सरकार ने पूरे भी किए. युवाओं को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड मिला. ऐसी अच्छी स्कीम आपको कहीं और नहीं मिलेगी. इसका लाभ छात्रों को मिला भी है. चार लाख का लोन छात्रों को मिल रहा है और ये उन्हें तुरंत लौटाने की बाध्यता भी नहीं है. छात्र इस लोन को 72 इंस्टॉलमेंट में आराम से नौकरी लगने के बाद लौटा सकते हैं. योजना बहुत सफल रही.
पेपर लीक के अलावा मनीष वर्मा ने बिहार में नीतीश कुमार सरकार के फैसले, पुल गिरने के मामले और शराबबंदी जैसे कई विषयों पर खुलकर बात की. इसके साथ ही उन्होंने जेडीयू की राजनीति से जुड़े मामले, जैसे आरसीपी सिंह का पार्टी छोड़कर जाना, ललन सिंह का अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना और सीएम नीतीश कुमार का बार-बार गठबंधन बदलने के पीछे के कारण पर भी मनीष वर्मा ने खुलासे किए.
मनीष वर्मा का पूरी इंटरव्यू इस लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं.
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