कोरोना महामारी का समय याद करिए. कितने सारे लोगों की जान गई. तमाम अभागे ऐसे भी रहे जिन्हें अंतिम संस्कार का मौका भी नहीं मिला. तब लगा कि मृत्यु से ज्यादा कष्टकारक भी कुछ हो सकता है. अंतिम संस्कार हर मनुष्य का अधिकार है. कहते हैं कि इसके बिना मुक्ति नहीं है. अपने तो छोड़िए. मानवीयता के नाते लोग अजनबियों को भी मुक्ति देने के लिए उनका अंतिम संस्कार करा देते हैं, लेकिन जापान की एक कहानी आपका दिल तोड़ देगी. यहां एक शख्स ने अपने पिता के मरने के बाद उनके शव को 2 साल तक अलमारी में छिपा रखा था. कारण था- उसके पास पिता के अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.
दो साल से अलमारी में छिपा रखा था पिता का शव, वजह जानकर पुलिस भी दंग रह गई
जापान में एक शख्स ने अपने पिता के शव को 2 साल तक घर में छिपाए रखा क्योंकि उसके पास अंतिम संस्कार पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं थे.

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट है. 56 साल के नोबुहिको सुजुकी टोक्यो में एक चीनी रेस्तरां चला रहे थे. एक हफ्ते से उनकी दुकान खुली नहीं तो आसपास के लोगों को चिंता होने लगी. किसी ने पुलिस अधिकारियों को इसकी सूचना दी. पुलिस अधिकारी सुजुकी के घर पहुंचे को उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. घर की एक अलमारी में सुजुकी के पिता के कंकाल रखे थे. पता चला कि जनवरी 2023 में 86 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया था.
पुलिस ने पूछा तो सुजुकी ने स्वीकार किया कि महंगे अंतिम संस्कार से बचने के लिए उन्होंने शव को अलमारी में छिपा दिया था. उन्होंने बताया कि एक दिन वह काम से घर लौटे तो देखा कि पिता मर चुके हैं. उन्हें भी नहीं पता कि पिता की मौत कैसे हुई. लेकिन उनके पास अंतिम संस्कार पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं थे. इस वजह से उन्हें पिता के शव को छिपाने का यह बेबस और दुखद फैसला लेना पड़ा.
इस घटना ने जापान में अंतिम संस्कार में आने वाले बड़े खर्च और समाज में बढ़ते अकेलेपन की समस्या को उजागर किया है. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, जापान में अंतिम संस्कार काफी खर्चीला काम है. इस वजह से कई लोग इसे बोझ समझते हैं. जापानी समाज में अंतिम संस्कार में आमतौर पर लगभग 1.3 मिलियन येन या साढ़े 7 लाख के आसपास का खर्च आता है, जो कई लोगों की क्षमता से कहीं ज्यादा है.
सुजुकी का ये मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें लेकर कई तरह के कॉमेन्ट्स आ रहे हैं. कुछ लोग इस काम के लिए उनकी निंदा कर रहे हैं. कई लोग उनकी विवशता से सहानुभूति रखते हुए अपने अनुभव भी साझा कर रहे हैं. निंदा करने वाले लोग सुजुकी को बुरा आदमी बता रहे हैं. ऐसे एक यूजर ने लिखा,
वह एक बुरा आदमी है. पेंशन के लिए उसने अपने पिता के शव को दो साल तक छिपाए रखा.
वहीं, एक यूजर ने सुजुकी की मजबूरी पर ध्यान दिलाया है. उन्होंने अपने अनुभव बताए जब उनके पिता के निधन पर उन्हें अंतिम संस्कार के लिए 2 मिलियन येन यानी तकरीबन 11 लाख रुपये खर्च करने पड़े थे. उन्होंने लिखा,
जब मेरे पिता की मृत्यु हुई तो अस्पताल ने मुझे जल्दी से अंतिम संस्कार गृह (Funeral Home) चुनने के लिए कहा. मैंने 2 मिलियन येन खर्च किए. पहली बार परिवार के किसी सदस्य को खोना बहुत डरावना है.
एक अन्य यूजर ने कहा कि ऐसी दिल दहला देने वाली परिस्थिति में लोगों के लिए एक सपोर्ट मेकैनिजम होना चाहिए. जब कोई अपना मर जाता है तो तत्काल लोग समझ नहीं पाते कि क्या करें? ऐसे में एक सिस्टम होना चाहिए जो उन्हें मदद कर सके.
हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब जापान में किसी परिवार के सदस्य ने महंगे अंतिम संस्कार के डर से अपने प्रियजन के शव को छुपाया हो. साल 2023 में एक अन्य व्यक्ति पर 2019 से 2022 तक अपनी मां के शव को छुपाने और 3 साल तक उनकी पेंशन के जरिए तकरीबन 2 मिलियन येन के गबन का मुकदमा दायर किया गया था.
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