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जम्मू-कश्मीर: अनुच्छेद 370 हटने के बाद से इतने लोगों की हो चुकी टारगेट किलिंग, एक-एक नाम ये रहा

Jammu Kashmir Targeted Killing: आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में कश्मीर में आतंकवादियों ने लगभग 29 टारगेट हमले किए थे. उस साल सुरक्षा बलों पर 12 हमले हुए थे.

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2024 में अब तक जम्मू-कश्मीर में टारगेट हमलों के लगभग छह मामले सामने आ चुके हैं (सांकेतिक फोटो- आजतक)

जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग इलाके में 20 अक्टूबर को आतंकवादी हमले (Jammu Kashmir Terrorist Attack) में एक डॉक्टर समेत छह प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई. इसके साथ ही एक बार फिर केंद्र शासित प्रदेश में टारगेट किलिंग्स की चर्चा तेज हो गई है. ये वो हमले हैं, जिनमें प्रवासी मजदूरों, गैर मुस्लिम कर्मचारी, दूसरे राज्यों से आए कर्मचारी और कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जाता है.

2024 में अब तक जम्मू-कश्मीर में टारगेटेड हमलों के लगभग छह मामले सामने आ चुके हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में कश्मीर में आतंकवादियों ने लगभग 29 टारगेट हमले किए थे. उस साल सुरक्षाबलों पर 12 हमले हुए थे.

2024 के टारगेट हमले

18 अक्टूबर को बिहार के बांका जिले के अशोक चौहान नाम के 30 साल के प्रवासी मजदूर का गोलियों से छलनी शव दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में रामबियारा नदी के पास एक मक्के के खेत में मिला था.

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में 40 साल के मोहम्मद रजाक अज्ञात आतंकवादियों के हमले का शिकार हुए. थानामंडी पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत उनके गांव कुंडा टॉप में एक मस्जिद के बाहर उन्हें गोली मार दी गई थी.

17 अप्रैल को बिहार के 35 साल के माइग्रेंट वर्कर राजू शाह की दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई. अस्पताल ले जाने के बाद उनकी मौत हो गई.

8 अप्रैल को अज्ञात आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में एक गैर-स्थानीय कैब ड्राइवर परमजीत सिंह को निशाना बनाया. हमले में वो गंभीर रूप से घायल हुए थे.

फरवरी में पंजाब के दो लोगों की श्रीनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई.

2023 में टारगेट अटैक की कुछ घटनाएं

30 अक्टूबर को आतंकवादियों ने पुलवामा के तुमची नौपोरा इलाके में यूपी के मुकेश नाम के एक मजदूर पर गोलीबारी की. महेश की मौत हो गई.

26 फरवरी को एक कश्मीरी पंडित की दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वो पेशे से बैंक गार्ड था.

29 मई को अनंतनाग में उधमपुर निवासी दीपू की हत्या कर दी गई. वो जंगलात मंडी के पास एक मनोरंजन पार्क में काम करता था.

18 जुलाई को अनंतनाग जिले में ही संदिग्ध आतंकवादियों ने दो प्रवासी श्रमिकों को गोली मारकर घायल कर दिया.

13 जुलाई को शोपियां जिले में संदिग्ध आतंकवादियों ने तीन प्रवासी श्रमिकों को गोली मारी. वो गंभीर रूप से घायल हुए थे.

2022 के टारगेट अटैक

2 जून को कुलगाम जिले में संदिग्ध आतंकवादियों ने राजस्थान के एक बैंक मैनेजर विजय कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी.

31 मई को कुलगाम जिले में आतंकवादियों ने रजनी बाला नाम की 36 साल कश्मीरी पंडित टीचर की गोली मारकर हत्या कर दी.

25 मई को कश्मीरी टीवी कलाकार अमरीना भट की कई गोलियां लगने से मौत हो गई. लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों ने बडगाम जिले के चदूरा इलाके में उनके घर के बाहर उन्हें और 10 साल के भतीजे फरहान को गोली मारी.

24 मई को आतंकियों ने एक पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी. हमले में कर्मी की सात साल की बेटी घायल हो गई थी.

17 मई को बारामूला जिले के दीवान बाग इलाके में आतंकवादियों के ग्रेनेड अटैक में राजौरी के रणजीत सिंह की मौत हो गई. तीन अन्य लोग घायल हुए थे.

12 मई को कश्मीरी पंडित समुदाय से संबंधित एक सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की बडगाम जिले में उनके ऑफिस में अज्ञात आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. उसी दिन पुलिस कॉन्सटेबल रेयाज अहमद थोकर को पुलवामा जिले के गुडोरा गांव में उनके घर के पास आतंकवादियों ने गोली मार दी.

9 मई को जम्मू-कश्मीर में शोपियां जिले के पंडोशन इलाके में गोलीबारी के दौरान एक नागरिक की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए.

7 मई को पुलिस कांस्टेबल गुलाम हसन डार एक आतंकवादी हमले में मारे गए.

18 अप्रैल को पुलवामा जिले में आतंकवादी हमले में रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी देव राज की जान चली गई.

15 अप्रैल को बारामूला जिले के पट्टन इलाके में आतंकवादियों ने गांव के सरपंच मंजूर अहमद बांगरू की गोली मारकर हत्या कर दी. वो वहां एक निर्दलीय के रूप में चुने गए थे.

13 अप्रैल को कुलगाम जिले के काकरान इलाके में आतंकवादियों ने सतेश सिंह नाम के एक नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी.

4 अप्रैल को श्रीनगर जिले के मैसुमा इलाके में आतंकवादियों की गोलीबारी में CRPF का एक जवान शहीद हो गया. एक अन्य जवान घायल हो गया.

26 मार्च को अज्ञात आतंकवादियों ने बडगाम जिले में विशेष पुलिस अधिकारी इश्फिक अहमद डार की गोली मारकर हत्या कर दी. हमले में उनका भाई गंभीर रूप से घायल हुआ.

12 मार्च को आतंकवादियों ने  शोपियां जिले में CRPF जवान मुख्तार अहमद की उनके घर में ही गोली मारकर हत्या कर दी.

11 मार्च को आतंकवादियों ने कुलगाम जिले के अडुरा इलाके में एक सरपंच की गोली मारकर हत्या कर दी.

9 मार्च को पीडीपी के सरपंच समीर भट को श्रीनगर के खोनमोह इलाके में एक आतंकवादी हमले में गोली मारकर हत्या कर दी गई.

2 मार्च को कुलगाम जिले के कोलपोरा इलाके में आतंकवादी ने पंचायत के सदस्य मोहम्मद याकूब डार की गोली मारकर हत्या कर दी.

29 जनवरी को अनंतनाग जिले के हसन पोरा इलाके में आतंकवादियों ने एक पुलिसकर्मी पर गोलीबारी की. उनकी मौत हो गई.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में अक्टूबर तक जम्मू कश्मीर में कुल 28 नागरिकों को आतंकियों ने मार डाला. उनमें से पांच लोग स्थानीय हिंदू या सिख समुदाय के थे और दो गैर-स्थानीय हिंदू मजदूर थे.

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