भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में चार नागरिकों से कथित दुर्व्यवहार के मामले को लेकर बयान जारी किया है. सेना ने मामले की जांच करने की बात कही है. जम्मू के किश्तवाड़ जिले में सेना ने 20 नवंबर को एक सर्च ऑपरेशन चलाया था. आरोप है कि इस दौरान चस्क इलाके में चार नागरिकों को प्रताड़ित किया गया था.
जम्मू-कश्मीर: सेना के ऑपरेशन में 'नागरिकों की पिटाई' का आरोप, जांच का आदेश
सभी पीड़ित क्वाथ गांव के रहने वाले मजदूर थे. आरोप लगा कि चारों को 20 नवंबर को पूछताछ के लिए आर्मी कैंप में बुलाया गया था. उसके बाद उनकी पिटाई की गई. आरोप के मुताबिक पिटाई से उन्हें चोट भी पहुंची थी.
भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक हैंडल से 21 नवंबर को एक पोस्ट किया. इसमें तथ्यों की जांच की बात लिखी है. सेना ने लिखा,
“किश्तवाड़ क्षेत्र में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद राष्ट्रीय राइफल्स ने एक सर्च ऑपरेशन चलाया था. इस दौरान कुछ नागरिकों को प्रताड़ित किए जाने की बात सामने आई है. इन दावों की पड़ताल के लिए एक जांच शुरू की गई है. आतंकी समूहों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है.”
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, सभी पीड़ित क्वाथ गांव के रहने वाले मजदूर थे. आरोप लगा कि चारों को 20 नवंबर को पूछताछ के लिए आर्मी कैंप में बुलाया गया था. उसके बाद उनकी पिटाई की गई. आरोप के मुताबिक पिटाई से उन्हें चोट भी पहुंची थी.
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विपक्षी पार्टियों ने घटना की निंदा कीइस घटना को लेकर जम्मू-कश्मीर की विपक्षी पार्टियों ने आलोचना की है. ‘अपनी पार्टी’ के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने घटना को बेहद चिंताजनक बताया और मामले की गहन जांच करने की मांग की है. वहीं, पीडीपी नेता और महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने लिखा कि इस घटना से पता चलता है कि कैसे कुछ कानून जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बलों को व्यापक शक्तियां और छूट देते हैं.
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