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टिंडर पर फंसाया, फिर गला घोंट मर्डर कर दिया, गर्लफ्रेंड सहित 3 को उम्रकैद, डरा देगी ये कहानी!

जयपुर का दुष्यंत मर्डर केस. साल 2018 से चल रहे इस मामले में तीनों आरोपियों प्रिया सेठ, दिक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया पांच साल से जेल में बंद थे. कोर्ट ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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(बाएं से दाएं) प्रिया सेठ, दुष्यंत शर्मा और दीक्षांत कामरा

जयपुर की जिला अदालत (Jaipur District Court) ने पांच साल पहले हुई दुष्यंत शर्मा हत्या मामले में एक युवती सहित तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. पूरा मामला डेटिंग ऐप टिंडर (Tinder) के जरिए दोस्ती, फिर जालसाजी और उसके बाद हुई हत्या से जुड़ा हुआ है. साल 2018 से चल रहे इस मामले में तीनों आरोपी - प्रिया सेठ, दिक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया - पांच साल से जेल में बंद थे.

डेटिंग ऐप से हुई दोस्ती, जालसाजी तक पहुंची

दुष्यंत शर्मा और प्रिया सेठ के बीच फरवरी 2018 में डेटिंग ऐप टिंडर पर दोस्ती हुई. दोनों की पसंद-नापसंद एक-दूसरे से मिलने लगी और धीरे-धीरे ये दोस्ती प्यार में बदल गई. लेकिन दोस्ती की बुनियाद झूठ पर बनी थी. पहले से शादीशुदा दुष्यंत ने अपनी पहचान प्रिया से छिपाई थी. उसने अपना नाम विवान कोहली बताया और उसकी बातों से प्रिया को लगा कि ये दिल्ली का एक अमीर बिजनेसमैन है. उधर प्रिया का भी मकसद साफ़ था. उसने ये दोस्ती और प्यार का स्वांग अपने बॉयफ्रेंड दीक्षांत कामरा के कर्जे को उतारने के लिए रचा था.

तीन महीने की बातचीत के बाद प्रिया ने 28 साल के दुष्यंत को 2 मई 2018 को बजाज नगर के एक फ्लैट पर बुलाया. यहां पहले से उसका प्रेमी दीक्षांत कामरा और एक अन्य व्यक्ति लक्ष्य वालिया भी मौजूद थे. दुष्यंत को इन सब की कोई भनक नहीं थी. वहां इन तीनों ने पहले दुष्यंत को किडनैप किया और फिर उसके पिता को फोन लगाया.

‘पापा ये मुझे मार देंगे, प्लीज़ बचा लो’

एक्टिविस्ट दीपिका नारायण भारद्वाज के पर हमें इस पूरे मामले से जुड़ा पांच साल पुराना एक वीडियो मिला. इसमें दुष्यंत के पिता रामेश्वर प्रसाद का इंटरव्यू है. उन्होंने बताया, 

मेरे बेटे के मोबाइल से मुझे फोन आया था. वो कह रहा था कि पापा, ये मुझे मार देंगे, प्लीज़ बचा लो. इसके बाद प्रिया ने फोन हाथ में लेकर मुझे गंदी गालियां दीं और 10 लाख रुपये तुरंत अकाउंट में जमा करने की धमकी दी.

एक्टिविस्ट दीपिका नारायण भारद्वाज के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो का स्क्रीनशॉट.

दुष्यंत के पिता ने इस बात की सूचना पुलिस को देने की बजाय अपहरणकर्ताओं के अकाउंट में 3 लाख रुपये जमा करा दिए. प्रिया सेठ ने कबूला कि पैसे अकाउंट में आने से पहले ही उन लोगों ने दुष्यंत का कत्ल कर दिया था. प्रिया ने कहा, 

दीक्षांत ने पहले दुष्यंत का गला घोंटा. लेकिन वो नहीं मरा तो लक्ष्य ने उसका मुंह तकिये से दबा दिया. ऐसा करने पर दुष्यंत बेहोश हो गया, लेकिन अभी भी उसकी सांसे चल रही थीं. इसके बाद दीक्षांत ने मुझसे चाकू मंगाया और मैंने उसे चाकू लाकर दिया. दीक्षांत ने दुष्यंत का चाकू से गला काटकर उसे मौत के घाट उतार दिया.

 3 मई की रात जयपुर के पास एक गांव में दुष्यंत शर्मा की लाश एक सूटकेस में भरी मिली.

अदालत को मिले पर्याप्त सबूत

जयपुर की अदालत ने दुष्यंत हत्याकांड में फैसला सुनाते हुए कहा कि उसे इस मामले में पर्याप्त सबूत मिले थे. ‘इंडिया टुडे’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए थे जिससे आरोप साबित हुए. रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने तीनों आरोपियों को आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 342 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से कैद करना), 201 (अपराध के सबूत मिटाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराते हुए तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

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