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कई मुद्दों पर मोदी सरकार का साथ देने वाले जगन मोहन रेड्डी ने EVM पर झटका दे दिया

Jagan Mohan Reddy से पहले कांग्रेस नेता Rahul Gandhi समाजवादी पार्टी के प्रमुख Akhilesh Yadav ने भी EVM पर सवाल खड़े किए थे.

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आंध्र प्रदेश में हुए चुनावों में YSRCP को सिर्फ़ 11 विधानसभा और 4 लोकसभा सीटें मिली हैं. (फ़ोटो/आजतक)

आंध्र प्रदेश के पूर्व CM और YSR कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष Jagan Mohan Reddy ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि अब बैलेट पेपर (मतपत्रों) से मतदान की ओर कदम बढ़ाना चाहिए. हाल ही में आंध्र प्रदेश में हुए चुनावों में YSRCP को सिर्फ़ 11 विधानसभा और 4 लोकसभा सीटें मिली हैं.

जगन मोहन रेड्डी ने अपने X पर लिखा,

"जिस तरह न्याय न केवल होना चाहिए, बल्कि ऐसा प्रतीत भी होना चाहिए कि न्याय हुआ है, उसी प्रकार लोकतंत्र भी न केवल कायम रहना चाहिए, बल्कि निस्संदेह ऐसा प्रतीत भी होना चाहिए. दुनिया भर में लगभग हर लोकतंत्र में चुनावी प्रक्रियाओं में EVM का नहीं, बल्कि मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाता है. हमें भी अपने लोकतंत्र की सच्ची भावना को बनाए रखने के लिए उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए."

YSR कांग्रेस प्रमुख की यह टिप्पणी इसलिए दिलचस्प है क्योंकि बीजेपी विरोधी दल भी EVM पर सवाल खड़े करते रहे हैं. उनका आरोप रहा है कि EVM में हेराफेरी की जा सकती है. हालांकि चुनाव आयोग ने ऐसी दलीलों को खारिज़ कर चुका है और जोर देकर कहा है कि EVM एक विश्वसनीय मतदान प्रणाली है.

जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP, NDA का हिस्सा नहीं है. लेकिन महत्वपूर्ण विधेयकों पर नरेंद्र मोदी सरकार को समर्थन देती रही है. लेकिन इस चुनाव में, भाजपा ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी एन चंद्रबाबू के नेतृत्व वाली TDP के साथ गठबंधन किया और NDA गुट ने आंध्र में चुनावों में जीत हासिल की. ​​NDA गठबंधन ने विधानसभा चुनावों में 175 में से 164 सीटें जीतीं, जिससे YSRCP का स्कोर सिर्फ़ 11 रह गया. राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से NDA ने 21 और YSRCP ने चार सीटें जीतीं. इसके बाद जगन मोहन का ये बयान आना सियासी अटकलों को हवा दे सकता है.

क्या है EVM विवाद?

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद EVM पर बहस शुरू हो गई है. हाल में इसे लेकर X के CEO एलन मस्क ने ट्वीट किया, 

"हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए. इसे मनुष्यों या AI द्वारा हैक किए जाने का डर है." 

इस टिप्पणी के कुछ समय बाद भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मस्क की टिप्पणी का मतलब है कि कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता. उन्होंने कहा,

"टेस्ला के CEO का प्वाइंट अन्य स्थानों पर लागू हो सकता है, लेकिन भारतीय EVM कस्टम डिज़ाइन और सिक्योर हैं. यह किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग हैं."

लेकिन विपक्षी नेताओं ने मस्क की टिप्पणी पर कड़ा रुख अपनाया और EVM की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत में EVM "एक 'ब्लैक बॉक्स' है और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है. उन्होंने X पर लिखा, 

"भारत में EVM एक "ब्लैक बॉक्स" है, और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है. हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं. जब संस्थाओं में जवाबदेही का अभाव होता है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है."

समाजवादी पार्टी के प्रमुख और कांग्रेस के सहयोगी अखिलेश यादव ने मस्क के पोस्ट को शेयर किया. उन्होंने कहा,

“‘टेक्नॉलजी’ समस्याओं को दूर करने के लिए होती है, अगर वही मुश्किलों की वजह बन जाए, तो उसका इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए. आज जब विश्व के कई चुनावों में EVM को लेकर गड़बड़ी की आशंका ज़ाहिर की जा रही है और दुनिया के जाने-माने टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स EVM में हेराफेरी के ख़तरे की ओर खुलेआम लिख रहे हैं, तो फिर EVM के इस्तेमाल की ज़िद के पीछे की वजह क्या है, ये बात भाजपाई साफ़ करें. आगामी सभी चुनाव बैलेट पेपर (मतपत्र) से कराने की अपनी मांग को हम फिर दोहराते हैं.”

इस मुद्दे पर चुनाव आयोग भी बार-बार अपना पक्ष रख चुका है. आम चुनाव के नतीजों के बाद भी मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने EVM पर सवाल उठाने वालों पर कटाक्ष किया था. उन्होंने कहा,

“उस पर आरोप क्यों लगाना? उसे कुछ दिन आराम करने दो. अगले चुनाव तक ईवीएम को आराम करने दो. फिर वह बाहर आएगी, फिर उसकी बैटरी बदली जाएगी, फिर उसके कागज बदले जाएंगे. फिर उसे गलत बताया जाएगा, लेकिन परिणाम अच्छे आएंगे.” 

CEC राजीव कुमार ने कहा कि पिछले 20-22 चुनावों से यही परिणाम आ रहे हैं, सरकार बदलती रहती है.

वीडियो: EVM की हैकिंग पर एलन मस्क, राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने क्या कहा?