दशहरा-दिवाली से पहले हल्की सर्द वाली सुबह हुआ करती थी. आंखों पर पड़ती आधी खिली धूप और सिर पर परीक्षाओं का बोझ. अक्सर स्कूल की जीप का इंतजार करते हुए एक पोस्टर पर नजर जाया करती थी. वो पोस्टर था एक जादूगर का पोस्टर. उसपर लिखा होता था, 'जादूगर ओपी शर्मा अब आपके शहर में'. गुमटियों और दीवारों पर लगे पोस्टर देखकर जादूगरी वाला शो देखने का मन तो कई बार किया. हर बार यही लगता था कि देख लेंगे कभी. वक्त गुजरता गया और धीरे-धीरे वो पोस्टर धुंधले होते चले गए और साथ में शो देखने की चाहत भी. आज, 16 अक्टूबर को फिर जादूगर ओपी शर्मा का नाम आया. लेकिन इस बार सामने वो गुमटी नहीं थी, दीवारों पर चस्पा वो पोस्टर नहीं थे. खबर थी उनके मौत की. जादूगर ओपी शर्मा नहीं रहे. इत्तेफाकन आज भी अक्टूबर की एक सुबह थी.
"जिसे आप जादू समझते हैं वो विज्ञान का चमत्कार है", कहानी जादूगर ओपी शर्मा की
ओपी शर्मा के नाम 34 हजार से ज्यादा जादूगरी के शो हैं.
किडनी की बीमारी के कारण शनिवार, 15 अक्टूबर की रात जादूगर का निधन हो गया. खबर है कि अपने जादुई कलाकारियों के लिए मशहूर ओपी शर्मा फॉर्चुन हॉस्पिटल में भर्ती थे. वैसे तो वो यूपी के बलिया से थे. लेकिन काफी समय से कानपुर के बर्रा-2 में रह रहे थे. आज तक की रिपोर्ट कहती है कि उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली.
जादूगर शर्मा बलिया से कानुपर काम की तलाश में आए थे. यहां के स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री में काम करते-करते उन्होंने जादूगरी शुरू की. और ये सिलसिला ऐसा शुरू हुआ कि वो फिर पीछे नहीं लौटे. ओपी अबतक जादूगरी के 34 हजार से ज्यादा शो कर चुके हैं. वो किसी भी शहर में शो करने जाते थे, उनके साथ 100 से अधिक लोगों का काफिला चलता था. इसमें शो से जुड़े कलाकार जैसे, स्टेज के सहयोगी, मेकअप आर्टिस्ट, संगीतकारों, गायकों, सेट डिजाइन से जुड़े तमाम लोग शामिल होते थे. उनके जादूगरी का सामान 15 से अधिक ट्रकों में हुआ करता था. इंद्रजाल (उनके मशहूर शो का नाम) में इस्तेमाल होनेवाला सामान 250 टन के करीब वजन वाला हुआ करता था. ये कहने की जरूरत नहीं है कि उनके निधन से ना सिर्फ कानपुर शहर बल्कि उत्तर भारत उन तमाम राज्यों में लोगों की आंखें नम हैं.
बर्रा के जिस घर में जादूगर ओपी शर्मा रहा करते थे, उसका नाम उन्होंने 'भूत बंगला' रखा था. जादूगरी के साथ-साथ उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमाया था. कानपुर के गोविंदनगर विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था.
जब उन्होंने अपने आखिरी शो का ऐलान किया था तो लोगों में मायूसी साफ नजर आने लगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने आखिरी शो में उन्होंने कहा,
जिसे आप जादू समझते हैं वो जादू नहीं बल्कि विज्ञान का चमत्कार है. हर शो हाउसफुल होने के बाद भी यदि जादुई दुनिया को अलविदा कहना पड़ रह है, तो इसका मतलब आगे और भी कार्यक्रम हैं, जो पहले से ही तय हैं. यही कारण है कि ना चाहते हुए भी जादुई दुनिया को अलविदा कहना पड़ रहा है.
ओपी के परिवार में पत्नी, तीन बेटे और एक बेटी है. अब उनके छोटे बेटे सत प्रकाश उनकी विरासत आगे बढ़ा रहे हैं. उनको अब 'जूनियर ओपी शर्मा' के रूप में पहचाना जाता है.
वीडियो- किस्सा कानपुर का, जब चुनाव में जादूगर ने विरोधियों को गायब कर दिया