जादवपुर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में फर्स्ट ईयर स्टूडेंट की मौत के मामले में रैगिंग और यौन उत्पीड़न की बात सामने आई है. कोलकाता पुलिस की शुरुआत जांच में बताया गया है कि मौत से कुछ देर पहले छात्र को हॉस्टल में नग्न करके में घुमाया गया था. न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने बताया कि जांच में पाया गया है कि छात्र का 'यौन उत्पीड़न' किया गया था.
जादवपुर यूनिवर्सिटी सुसाइड केस: छात्र का 'यौन उत्पीड़न' हुआ, नग्न कर हॉस्टल में घुमाया गया
कोलकाता पुलिस की शुरुआती जांच में रैगिंग की बात सामने आई है.
पुलिस ने इस मामले में अब तक कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया है. जांच में 12 आरोपियों की 'सक्रिय भूमिका' पाई गई है. गिरफ्तार आरोपियों में यूनिवर्सिटी के मौजूदा और पूर्व छात्र शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस अधिकारी ने बताया,
"किशोर के साथ निश्चित रूप से रैगिंग की गई और उसका यौन उत्पीड़न किया गया. उसे कमरा नंबर 70 में कपड़े उतारने के लिए मजबूर करने के बाद गलियारे में नग्न घुमाया गया. हमारे पास सबूत हैं. गिरफ्तार किए गए 12 लोगों ने पूरे प्रकरण में कुछ ना कुछ भूमिका निभाई है."
इंडिया टुडे के राजेश साहा की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस सूत्रों ने बताया कि छात्र को उसके सीनियर्स ने 'मर्दानगी दिखाने' को कहा. रैगिंग के दौरान वहां मौजूद सीनियर्स छात्र को ‘गे’ कह रहे थे और छात्र बार-बार कह रहा था कि वो ‘गे नहीं है’. इस पर छात्र को ये साबित करने के लिए कहा गया और उसके कपड़े उतार दिए गए. हॉस्टल की दूसरी मंजिल की बालकनी में छात्र को नग्न अवस्था में घुमाया गया.
पुलिस सूत्र का दावा है कि जांच के दौरान रैगिंग का आरोप साबित हो गया है. इसलिए मामले में इससे संबंधित धारा 22 अगस्त को जोड़ी गई. सरकारी वकील सौरिन घोषाल ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र सौरव चौधरी को मुख्य आरोपी बताया है. हालांकि, सौरव चौधरी ने कहा है कि वो अपराधी नहीं है. उसे भी निष्पक्ष न्याय चाहिए. आरोपी सौरव के मुताबिक गरीब होने के नाते उसे न्याय नहीं मिल रहा.
पुलिस को गुमराह करने की कोशिशपुलिस सूत्र के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपी मोनोतोष घोष के फोन से कई व्हाट्सएप चैट मिले हैं. जांच में पता चला कि छात्र की मौत के बाद किसी ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था. मुख्य आरोपी सौरव चौधरी ने ग्रुप में सभी को लिखकर हिदायत दी थी कि अगर पुलिस पूछेगी तो उन्हें पुलिस को बताना होगा कि 'सौरव हॉस्टल में नहीं रहता है. उसकी मां की तबीयत ठीक नहीं है. इसलिए वह यहां कभी-कभार ही आता है.'
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने बताया कि पुलिस को गुमराह करने के लिए गिरफ्तार किए गए एक आरोपी ने वॉट्सएप ग्रुप बनाया था. उन्होंने कहा,
''जांच से पता चला कि गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने की योजना बनाई थी ताकि रैगिंग की बात को छुपाया जा सके.''
22 अगस्त को पुलिस ने हॉस्टल के कुक से भी पूछताछ की. साथ ही, यूनिवर्सिटी के दो और छात्रों को पूछताछ के लिए बुलाया था. बता दें कि ये पूरा मामला 9 अगस्त की रात का है. जादवपुर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में एक 17 साल के छात्र की मौत हो गई थी. पुलिस के मुताबिक मृतक छात्र के पिता ने शिकायत की थी कि उनके बेटे की मौत के लिए हॉस्टल के कुछ सीनियर छात्र जिम्मेदार हो सकते हैं.
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