इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाषण के दौरान हुई नारेबाजी सुर्खियों में है. इन नारेबाजियों के चलते कार्यक्रम कुछ वक़्त के लिए रोकना पड़ गया (Benjamin Netanyahu speech interrupted). इस कार्यक्रम में ‘आपको शर्म आनी चाहिए’, ‘मेरे पिता की हत्या कर दी गई’ जैसे नारे लगाए गए. ये सब कुछ लगभग एक-दो मिनट तक चलता रहा. इस दौरान नेतन्याहू मंच पर खड़े होकर देखते रहे और उनके चुप होने का इंतजार करते रहे. इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है.
इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू के भाषण के बीच हंगामा, प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए- ‘आपको शर्म आनी चाहिए...’
Benjamin Netanyahu 7 अक्टूबर, 2023 की घटना की स्मृति को लेकर हुए कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इसी कार्यक्रम के दौरान Hamas Attack में मारे गए लोगों के रिश्तेदारों ने नारेबाजी की.
नेतन्याहू येरुशलम में 7 अक्टूबर, 2023 की घटना की स्मृति को लेकर हुए एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इसी कार्यक्रम के दौरान हमास के हमले में मारे गए लोगों के रिश्तेदार भी पहुंचे थे. इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक़, ये नारेबाजी उन्हीं के द्वारा की गई. बताया गया कि ये नारेबाजी इसलिए हुई, क्योंकि ये लोग नेतन्याहू के प्रशासन पर दबाव डालना चाह रहे थे. उनकी मांग है कि ग़ाज़ा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाए.
बता दें, 7 अक्टूबर को हमास के नेतृत्व में हुए हमलों के दौरान इज़रायल में लगभग 1,139 लोग मारे गए थे और 200 से ज़्यादा लोगों को बंदी बना लिया गया था. बताया जाता है कि ग़ाज़ा में अभी भी लगभग 100 बंदी हैं. वहीं, इज़रायली सेना का कहना है कि इनमें से 34 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में नेतन्याहू प्रशासन पर घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ रहा है. बंदियों के परिवार वाले इज़रायली सरकार पर समाधान के लिए दबाव बना रहे हैं.
टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की रिपोर्ट के मुताबिक़, शुरुआत में कार्यक्रम में इन परिवारों को शामिल नहीं किया जाना था. क्योंकि आयोजकों को डर था कि मंच का इस्तेमाल कहीं इस्तेमाल सरकार की आलोचना करने के लिए किया जा सकता है. हालांकि, बाद में उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने दिया गया.
इज़रायली खुफिया एजेंसी मोसाद के चीफ़ डेविड बार्निया हाल ही में कतर की राजधानी दोहा की यात्रा करने वाले हैं. कहा जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान बार्निया बंधकों की रिहाई पर समझौते के लिए भी बातचीत कर सकते हैं. इससे पहले कतर और मिस्र ने इज़रायल और हमास के बीच संघर्ष विराम के लिए बातचीत की मध्यस्थता की थी. इसका मकसद इज़रायल-हमास के बीच बढ़ते संघर्ष को रोकना था. हालांकि, ये बातचीत किसी समझौते पर पहुंचे बिना ही अगस्त में ख़त्म हो गई.
बीते दो महीनों से कूटनीतिक प्रयासों में कोई खास प्रगति नहीं हुई है. अमेरिका ने इसके लिए हमास पर आरोप लगाया है. अमेरिका का कहना है कि हमास बातचीत की मेज पर नहीं आ रहा. हालांकि, चर्चाओं से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक़, मिस्र और कतर के मध्यस्थों ने कथित तौर पर इसकी ज़िम्मेदारी इज़रायल पर डाली है.
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