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इज़रायल ने ग़ाज़ा के राहत शिविर और ऐम्बुलेंस पर गिराए बम, अमेरिका तक को 'झटक' दिया

4 नवंबर को ख़बर आई कि इज़रायल ने एक राहत शिविर पर बम गिराया. इसमें 15 फ़िलिस्तीनी मारे गए.

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मलबे में मृतकों और घायलों की तलाश करते लोग (तस्वीर - गेटी)

हमास और इज़रायल की जंग (Israel-Gaza War) को एक महीना होने वाला है. हमास के शुरूआती हमले में 1,400 इज़रायली नागरिकों की मौत हुई. जवाब में इज़रायली सेना ने अब तक क़रीब 9,000 फ़िलिस्तीनियों को मार दिया है. इनमें से क़रीब 4,000 बच्चे थे. 4 नवंबर को ख़बर आई कि इज़रायल ने एक राहत शिविर पर बम गिराया; इसमें 15 और मारे गए.

खाना, पानी, बिजली.. सब बंद!

बीते रोज़ - 3 नवंबर को - इज़रायल ने एम्बुलेंस के एक काफ़िले पर हमला किया था. कथित तौर पर ये ऐम्बुलेंस गंभीर रूप से घायल मरीज़ों को अल-शिफ़ा अस्पताल से रफ़ा सीमा तक ले जा रही थी. इज़रायल के इस हमले में 15 लोग मारे गए और 60 घायल हुए.

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अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस हमले के बाद इज़रायली सेना ने ग़ाज़ा पट्टी पर बमबारी और तेज़ कर दी. स्कूलों, मस्जिदों और अस्पतालों को निशाना बनाया. 4 नवंबर की सुबह, इज़रायल ने जबालिया शरणार्थी शिविर पर मिसाइल से हमला किया. ये शिविर अल-फ़ख़ुरा स्कूल में लगा था, जिसे फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए UN की एजेंसी UNRWA चला रही है. ग़ाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि राहत शिविर पर हुए हमले में 15 और लोग मारे गए और 54 घायल हो गए हैं.

इज़रायली सेना अस्पतालों और घरों में स्थापित सोलर पैनलों को निशाना बना रही है. ये कई फ़िलिस्तीनियों के लिए बिजली का एकमात्र स्रोत है. और, अब वो भी बंद हो गया है. इज़रायली सेना ने अल-वफ़ा अस्पताल के बिजली जनरेटर पर भी हमला किया और राफ़ा के पास एक पानी की टंकी को तबाह कर दिया. दक्षिणी ग़ाज़ा शहर की दो मस्जिदों पर भी हमला किया गया है.

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वहीं, हमास के अल-क़सम ब्रिगेड का कहना है कि उनके लड़ाकों ने उत्तरी ग़ाज़ा में पांच इज़रायली सैनिकों को मार डाला. बयान जारी किया कि 'ज़ायोनी' सेना के कुछ सैनिक ग़ाज़ा के उत्तर-पश्चिमी इलाक़े की एक इमारत में छुपे थे. वहीं उनपर औचक हमला कर दिया.

अमेरिका को 'झटक' दिया

3 नवंबर को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इज़रायल पहुंचे. वो जंग में नागरिकों को हो रहे नुक़सान को कम करने के उपाय खोजने के लिए गए हैं -- ऐसा कहा जा रहा है. क्योंकि राष्ट्रपति जो बाइडन ने पहले ही एलान कर रखा है कि थोड़ा रुकने की ज़रूरत है.

लेकिन इज़रायल के प्रधानमंत्री ने अमेरिका के इस 'मानवीय विराम' प्लैन को टाल दिया है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ़ कहा है कि जब तक हमास उनके 240 बंधकों को रिहा नहीं करता, तब तक कोई युद्धविराम नहीं होगा.

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