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इजरायल ने अब हमास के सुप्रीम कमांडर के रिश्तेदारों के घर गिराए बम, भाई समेत तीन की मौत

Israel Army ने Hamas के मिलिट्री कमांडर (Military Commander) मोहम्मद दीफ के रिश्तेदारों के घर पर बमबारी की.

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इजरायल के हमले में हमास के मिलिट्री कमांडर की मौत

इजरायली सेना (Israel Army) और चरमपंथी संगठन हमास (Hamas) की लड़ाई लगातार जारी है. हमास की तरफ से 7 अक्टूबर को किए गए अचानक हमले के बाद से इजरायल लगातार जवाब दे रहा है. इजरायली सेना लगातार गाजा (Gaza) पर बमबारी कर रही है. जिसमें अब तक 900 से ज्यादा मौतों का दावा किया जा रहा है. 

इजरायल ने इसी बीच हमास के मिलिट्री विंग अल कासम के सुप्रीम कमांडर (Military Commander) मोहम्मद देईफ के रिश्तेदारों के घर पर भी बमबारी की है. टाइम्स ऑफ इजरायल में छपी खबर के मुताबिक इन हमलों में हमास मिलिट्री कमांडर के भाई, भतीजे और पोती की जान गई है. इन हमलों में मिलिट्री कमांडर के कुछ और रिश्तेदारों के भी मलबों में फंसे होने की जानकारी सामने आई है.

देईफ के बारे में बहुत कम जानकारी सार्वजनिक रूप से मौजूद है. देईफ का जन्म 1960 के दशक में एक रिफ्यूजी कैंप में हुआ था. उसके बैकग्राउंड के बारे में बहुत कम जानकारी पब्लिक डोमेन में है. सिर्फ एक तस्वीर दुनिया के सामने उपलब्ध है. France 24 में छपी खबर के मुताबिक देईफ पिछले तीन दशक से इजरायल की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है. साल 2015 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने उसे एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया था. ऐसा कहा जाता है कि साल 2006 में इज़रायली हमले में देईफ एक हाथ और एक पैर खो चुका है. रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में उसकी आंखों की रोशनी भी चली गई थी.

बात इजरायली सेना और हमास के युद्ध की करें तो इजरायल की सेना ने गाजा पट्टी पर लगातार बमबारी जारी कर रखी है. इस बमबारी ने गाजा पट्टी में भारी तबाही मचाई है. इसमें हमास के 475 रॉकेट सिस्टम और 73 कमांड सेंटर भी ध्वस्त हो गए हैं. ये इजरायल का दावा है. इजरायल की मीडिया का दावा ये भी है कि उसकी सीमा में घुसे 1500 हमास के आतंकियों को ढेर कर दिया गया है.

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हमास क्या है?

अब ये हमास क्या है, वो भी जान लीजिए. हमास एक राजनीतिक संगठन है. 2007 से गाज़ा पट्टी पर उनका शासन है. उनका मिलिटरी विंग है, अल-क़ासिम ब्रिगेड. इसको मोहम्मद दाएफ़ संभालता है. हिंसा में यही ब्रिगेड शामिल रहती है. हालांकि, ये सिर्फ दिखावे की बात है. अल-क़ासिम ब्रिगेड, पॉलिटिकल लीडरशिप के इशारे पर ही काम करती है.

हमास 1987 में बना. शाब्दिक अर्थ होता है, जुनून. पूरा नाम है- हरक़त अल-मुक़ावमा अल-इस्लामिया. मतलब, इस्लामिक रेज़िस्टन्‍स मूवमेंट. हिंदी में- इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन. इमाम शेख़ अहमद यासिन और अब्दुल अज़ीज़ अल-रंतीसी फ़ाउंडर थे. 1988 में उन्होंने एक चार्टर बनाया. मकसद बताया- इज़रायल को मिटाकर फ़िलिस्तीन स्टेट की स्थापना करेंगे. 2006 से गाज़ा में हमास का कंट्रोल है. 

तब से उसने चार मौकों पर इज़रायल के साथ बड़ी लड़ाइयां की हैं. 2008, 2012, 2014, और 2021 में. हमास की परिभाषा इससे तय होती है कि आप रहते कहां हैं और मानना क्या चाहते हैं. इज़रायल, कनाडा, यूरोपियन यूनियन (EU), अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने इसको आतंकी संगठन घोषित कर रखा है. सीरिया, ईरान, क़तर, तुर्किए, नॉर्वे, ब्राज़ील, ईजिप्ट, रूस और चीन जैसे देश इसे आतंकी संगठन नहीं मानते. इसका सरगना इस्माइल हानिएह क़तर में रहता है.

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