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इजरायल-फिलिस्तीन के बीच हुई सबसे जरूरी संधि 'शर्म अल शेख ज्ञापन' क्या है?

इजरायल और फिलिस्तीन का ये विवाद 70 सालों से बना हुआ है. कई बार दोनों के बीच शांति बनाने के लिए समझौते किए गए. इनमें 1993 में हुआ ओस्लो समझौता अहम है. साथ ही 1999 में हुई एक प्रमुख संधि भी है, जिस पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किए थे. इसे ‘शर्म अल शेख ज्ञापन’ कहा जाता है.

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इजरायल-हमास युद्ध में अभी तक दोनों तरफ के करीब 2,900 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. (फोटो क्रेडिट - X)

इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) को 6 दिन होने जा रहे हैं. इस युद्ध में अभी तक इजरायल में 1,300, गाजा में 1,572, वेस्ट बैंक में 32 और लेबनान में 5 लोग मारे गए हैं. जंग जारी है, इसलिए मौतों का आंकड़ा बढ़ना भी तय है.

इजरायल और फिलिस्तीन का ये विवाद 70 सालों से बना हुआ है. कई बार दोनों के बीच शांति बनाने के लिए समझौते किए गए. इनमें 1993 में हुआ ओस्लो समझौता अहम है. साथ ही 1999 में हुई एक प्रमुख संधि भी है, जिस पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किए थे. इसे ‘शर्म अल शेख ज्ञापन’ कहा जाता है.

क्या है 'शर्म अल शेख' ज्ञापन?

'शर्म अल शेख ज्ञापन' पर इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री एहुद बराक और फिलिस्तीन लिबरेशन संगठन (PLO) के अध्यक्ष यासिर अराफत ने हस्ताक्षर किए थे. ये समझौता तत्कालीन अमेरिकी सरकार के सचिव मेडेलीन अलब्राइट की देखरेख में 4 सितंबर 1999 को मिस्र के 'अल शेख' शहर में हुआ. इसी शहर के नाम पर इस ज्ञापन को 'शर्म अल शेख' नाम दिया गया. इस पर मिस्र के तत्कालीन राष्ट्रपति होस्नी मुबारक और जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला ने भी हस्ताक्षर किए थे.

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इजरायली प्रधानमंत्री एहुद बराक(बाएं) और PLO अध्यक्ष यासिर अराफत(दाएं) ने शर्म अल शेख ज्ञापन पर साइन किए थे. (फोटो क्रेडिट - X)

शर्म अल शेख ज्ञापन का मुख्य लक्ष्य वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी पर सितंबर 1995 में हुए ओस्लो-2 अंतरिम समझौते को लागू करना था. इसके साथ ही सितंबर 1993 से PLO और इजरायल के बीच हुए सभी समझौतों को अमल में लाने की बात भी कही गई थी. इसके तहत 5 महीने के अंदर स्थायी हालात पर एक रूपरेखा समझौता (framework agreement) तैयार करने की बात भी हुई. और 1 साल के अंदर स्थायी हालात पर एक विस्तृत समझौता करने के लिए भी कहा गया.

इजरायल ने रिहा किए फिलिस्तीनी कैदी

इसमें कहा गया कि वेस्ट बैंक से इजरायली बलों को अतिरिक्त तौर पर दोबारा तैनात करने की व्यवस्था को खत्म किया जाएगा. इसके लिए एक समयसीमा भी तय होगी. साथ ही कई फेज़ में इलाकों को फिलिस्तीन के हवाले कर दिया जाएगा. ये काम 20 जनवरी 2000 तक पूरे होंगे. इसके तहत 10 सितंबर 1999 को पहले फेज़ में कुछ इलाकों को फिलिस्तीन के हवाले किया गया था.

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शर्म अल शेख ज्ञापन में ये भी कहा गया कि 2 चरणों में 350 कैदियों को रिहा किया जाएगा. 9 सितंबर और 15 अक्टूबर 1999 को इजरायल ने इन कैदियों को रिहा कर दिया. इसके साथ ही वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी के बीच आने-जाने के लिए दो सुरक्षित रास्ते बनाए जाने की बात कही गई. 5 अक्टूबर 1999 को दक्षिणी रास्ता बनाने के समझौते पर हस्ताक्षर हुए. और ये 25 अक्टूबर को लागू किया गया.

शर्म अल शेख ज्ञापन को मानते हुए इजरायल ने 1999 के बाद भी कई बार फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है. (फोटो क्रेडिट - X)

शर्म अल शेख ज्ञापन के तहत कहा गया कि दोनों पक्ष आतंकवाद, हिंसा या किसी भी तरह के भड़काऊ काम या खतरे के खिलाफ तुरंत और प्रभावी ढंग से कार्रवाई करेंगे. साथ ही इस संबंध में सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे.

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