इजरायल और ईरान-समर्थित चरमपंथी समूह हिजबुल्लाह (Iran-Hezbollah War) अब एक दूसरे पर रॉकेट और बम नहीं बरसाएंगे. अगले 60 दिनों तक. वजह है दोनों के बीच हुआ एक युद्ध विराम समझौता. जो 27 नवंबर से लागू हो चुका है. इस युद्धविराम की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां (Emmanuel Macron) की तरफ से की गई है.
इस युद्धविराम समझौते के बाद इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच लगभग पिछले 13 महीनों से चल रही जंग थम जाएगी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा,
इजरायल और हिजबुल्लाह अब नहीं बरसाएंगे एक दूसरे पर बम! कितने दिनों के लिए हुआ सीजफायर का एलान?
Israel-Hezbollah War: इजरायल और हिजबुल्लाह अब एक दूसरे पर रॉकेट और बम नहीं बरसाएंगे. अगले 60 दिनों तक. वजह है दोनों के बीच हुआ एक युद्ध विराम समझौता. जो 27 नवंबर से लागू हो चुका है.
“आज, मेरे पास मध्य पूर्व से जुड़ी अच्छी खबर है. मैंने लेबनान और इजरायल के प्रधानमंत्रियों से बात की है. मुझे इस बात का एलान करते हुए खुशी हो रही है कि दोनों देशों ने इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच विनाशकारी जंग समाप्त करने के लिए अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.”
Times of Israel की रिपोर्ट के मुताबिक इस युद्धविराम को लेकर अमेरिका और फ्रांस की तरफ से एक जॉइंट स्टेटमेंट भी जारी किया गया. संयुक्त बयान में कहा गया है कि इस समझौते से लेबनान में जारी जंग रुकेगी. साथ ही इजराइल पर भी हिजबुल्लाह और अन्य आतंकवादी संगठनों के हमले का खतरा टल जाएगा.
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वहीं, इस युद्धविराम समझौते को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बयान भी सामने आया है. उनके मुताबिक अगर हिजबुल्लाह की तरफ से अगर इसका उल्लंघन किया गया तो इजरायल की तरफ से हमला किया जाएगा. BBC की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि अगर हिजबुल्लाह ने समझौते का उल्लंघन किया और अगर सरहद के पास आतंकवादी आधारभूत ढांचा फिर से बनाया गया तो इजरायल की तरफ से हमला किया जाएगा. नेतन्याहू ने साथ ही कहा कि उनकी तरफ से अगर रॉकेट लॉन्च किए गए या फिर ट्रकों से रॉकेट लाए गए तो भी हमला किया जाएगा.
समझौते की शर्तें क्या हैं?बात युद्धविराम समझौते की करें तो लेबनान की सेना दक्षिण के इलाकों में पांच हज़ार सैनिकों को तैनात करेगी. इन इलाकों में आने वाले 60 दिनों में लेबनानी सेना और राज्य सुरक्षा बल तैनात होंगे और एक बार फिर अपने क्षेत्र पर नियंत्रण कर लेंगे. अगले 60 दिनों में हिजबुल्लाह अपने लड़ाकों और हथियारों को ब्लू लाइन के बीच से हटा लेगा. ब्लू लाइन में हिजबुल्लाह के लड़ाकों की जगह लेबनान के सैनिक तैनात होंगे. इन इलाकों से हिजबुल्लाह के इन्फ्रास्ट्रक्चर और हथियारों को हटाया जाएगा. अमेरिका और फ्रांस की तरफ से युद्ध विराम की निगरानी की जाएगी.
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