‘सुबह के साढ़े 6 बजे थे. सायरन की तेज आवाज़ ने हमारी नींद उड़ा दी. बिना देर किए हमें पास के यूनिवर्सिटी कैंपस में बने शेल्टर में पहुंचना था. जहां हमारी जान बच सकी.’ टाइम्स ऑफ इंडिया के संवाददाता राहुल सिंह को अपनी ये दास्तां सुनाई भारत की जयदीप कौर और उनके पति मोहित रंधावा ने. 7 अक्टूबर की इस घटना से पहले, उन्होंने ऐसे सायरन नहीं सुने थे. वे दोनों, शादी के बाद 2020 में इज़रायल गए थे.
'सायरन बज रहे, मैं प्रेग्नेंट हूं...', इजरायली बंकर में बेटी के साथ फंसी भारतीय महिला ने क्या बताया?
Hamas के हमले के बाद जयदीप कौर अपने पति और तीन साल की बेटी के साथ दक्षिण इजरायल के किबुत्ज़ के एक बंकर में फंसी हुई हैं.
खबर के मुताबिक, जयदीप 6 महीने से गर्भवती हैं. लेकिन जिस समय उन्हें ज्यादा सतर्कता और आराम की जरूरत थी, उन्हें एक बंकर में रहना पड़ रहा है. वो बताती हैं-
जिस समय हमले का अंदेशा हुआ, हम सिर्फ थोड़ा सा खाने-पीने का और कुछ जरूरत का सामान लेकर बंकर में आ गए थे. इस बंकर में 50 लोगों ने शरण ली है.
हमास के हमले के बाद कौर अपने पति और तीन साल की बेटी के साथ दक्षिण इजरायल के किबुत्ज़ के एक बंकर में फंसी हुई हैं. जो गाज़ा पट्टी से लगभग 74 किमी दूर है. ये बंकर ज़ुकरबर्ग इंस्टीट्यूट ऑफ वॉटर रिसर्च में बना है. यूपी के अमरोहा के रहने वाले मोहित और जयदीप का अपने दूसरे बच्चे के जन्म के लिए भारत आने का प्लान था. लेकिन वो भी इज़रायल और गाज़ा पट्टी में हजारों लोगों की तरह बंकर में रहने को मजबूर हैं.
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मोहित ने IIT रुड़की से पढ़ाई की थी. नौकरी के सिलसिले में परिवार सहित इज़रायल गए थे. जिस यूनिवर्सिटी के बंकर में उन्होंने शरण ली है, फिलहाल वो वहीं काम कर रहे थे. उनकी पत्नी बताती हैं कि शेल्टर के अंदर वाइफाई है. लेकिन मोहित उन्हें न्यूज़ नहीं देखने देते. ताकि गर्भ के दौरान उन्हें किसी तरह की घबराहट न हो.
जयदीप और मोहित भारत में अपने परिवार से बात भी बामुश्किल कर पा रहे हैं. न तो फोन से बात हो सकती है न ही वॉट्सऐप. फेसटाइम नाम के एक ऐप के जरिए ही वो अपने परिवार से संपर्क कर पा रहे हैं.
राहुल सिंह की खबर के मुताबिक बेटी से बात न हो पाने की वजह से परेशान जयदीप के पिता सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि-
कई बार कोशिश करने के बाद 10 अक्टूबर की सुबह संपर्क हो पाया. तब पता चला कि बेटी-दामाद और बच्चे सही सलामत हैं.
इस बीच जयदीप और मोहित के लिए अच्छी खबर ये है कि इज़रायल में फंसे भारतीय नागरिकों की वतन वापसी के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन अजय लॉन्च किया है. करीब 18 हजार भारतीयों को वापस लाया जाएगा. पहला बैच 12 अक्टूबर को वापस आएगा.
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