भारत फिलिस्तीन को मदद (Palestine Relief Aid) कर रहा है. मदद के तौर पर भारत ने फिलिस्तीन के लिए राहत सामग्री भिजवाई है. ये राहत सामग्री मिस्र के रास्ते फिलिस्तीन पहुंचाई जाएगी. इसको लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. बता दें कि गुरूवार, 19 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के बीच बात हुई थी. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मदद भेजने का आश्वासन दिया था.
भारत ने फिलिस्तीन को भेजी मदद, राहत सामग्री में क्या-क्या है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के बीच बात हुई थी. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मदद भेजने का आश्वासन दिया था.
भारत फिलिस्तीन की मदद के लिए कुल 38.5 टन की राहत सामग्री भिजवा रहा है. जिसमें 6.5 टन मेडिकल सहायता का सामान है और 32 टन आपदा में काम आने वाला सामान है. न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, मेडिकल सहायता के तौर पर पेनकिलर जैसी कुछ जरूरी दवाइयां हैं साथ ही कुछ सिरप भी हैं. जरूरी सर्जिकल इक्विपमेंट्स भी भेजे गए हैं.
वहीं आपदा में काम आने वाले सामान में भारत, फिलिस्तीन के लिए टेंट, स्लीपिंग बैग, ट्रैंपोलिन, रोजमर्रा में काम आने वाला सेनेटरी का सामान, पानी साफ करने वाली टैबले्टस समेत और भी कई जरूरी सामान भिजवा रहा है.
अरिंदम बागची ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी,
कैसे पहुंचाया जाएगा सामान?ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के C17 विमान के जरिए भारत फिलिस्तीन को मदद पहुंचाएगा. ये विमान मिस्र के अल-अरिश हवाई अड्डे पर पहुंचेगा. जहां से रफा बॉर्डर के जरिए राहत सामग्री को फिलिस्तीन पहुंचाया जाएगा. शनिवार 21 अक्टूबर को गाजा पट्टी में मदद पहुंचाने के लिए मिस्र का रफा बॉर्डर खोला गया था. इस दौरान 20 ट्रक राहत सामग्री लेकर फिलिस्तीन गए थे.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन(WHO) के डायरेक्टर जनरल ने बताया कि फिलिस्तीन में अभी जो राहत सामग्री पहुंच रही है, अभी वहां उससे कहीं ज्यादा राहत सामग्री की जरूरत है. साथ ही उन्होंने बताया कि राहत सामग्री पहुंचाने के लिए एक सुरक्षित रास्ते की भी जरूरत है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा था?फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा पट्टी के अल-अहली अस्पताल पर हुई बमबारी में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति शोक जताते हुए इलाके (गाजा पट्टी) में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता जताई थी और कहा था कि भारत, इज़रायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर लंबे समय से चले आ रही अपनी नीति पर टिका रहेगा.
बता दें कि 7 अक्टूबर की सुबह चरमपंथी संगठन ‘हमास’ ने इज़रायल पर हमला कर दिया था. तभी से इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच जंग जारी है. इस जंग में अब तक लगभग 5000 लोगों की जान गई है.
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