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गाजा में गंदा पानी पीने और कूड़े में रहने को मजबूर लोग, अस्पताल ठप, क्यों नहीं पहुंच रही मदद?

गाजा में पानी खत्म हो रहा है. यहां के लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. सड़कों और कैंपों में कूड़े के ढेर लग गए हैं. इससे बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है. अस्पतालों की हालत भी दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. हमास ने इजरायल पर वादा करने के बावजूद पानी नहीं देने का आरोप लगाया है.

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UN की फिलीस्तीनी शरणार्थी एजेंसी UNRWA ने बताया है कि गाजा में बिजली और पानी का संकट गहरा रहा है. (फोटो क्रेडिट - एपी)

गाजा पट्टी में लोग खारा पानी (Gaza Crisis) पीने के लिए मजबूर हैं. उन्हें कूड़े के ढेरों के बीच रहना पड़ रहा है. इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) में उनके घर नष्ट हो रहे हैं. स्वास्थ्य सेवाएं (Health crisis in Gaza) भी नहीं मिल पा रही हैं. यहां लोगों ने समुद्र से सटे इलाकों में कुएं खोदना शुरू कर दिया है. या फिर वो गाजा के इकलौते एक्वीफायर से आने वाले खारे पानी को पीने के लिए मजबूर हैं.

न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिलीस्तीनी वॉटर अथॉरिटीज़ ने बताया कि युद्ध से पहले ही इजरायल ने बिजली और साफ पानी की आपूर्ति रोक दी थी. यहां का 90 फीसदी पानी पीने लायक नहीं है. UN की फिलीस्तीनी शरणार्थी एजेंसी UNRWA के कमिश्नर जनरल फिलिप लेज़रिनी ने इस बारे में कहा,

"गाजा में बिजली और पानी खत्म हो रहा है. सच तो ये है कि गाजा का गला घोंटा जा रहा है. ऐसा लगता है कि दुनिया ने इस समय अपनी मानवता खो दी है."

गाजा में केवल एक एक्वीफायर है. वो भी सीवेज, कैमिकल्स और समुद्र के पानी से दूषित है. जो 10 फीसदी पानी पीने लायक आ भी रहा है, उसमें ये गंदगी मिली आ रही है. इसके चलते ये पानी केवल कपड़े धोने लायक है. यहां के करीब 23 लाख लोग आसपड़ोस की साफ पानी की सुविधाओं पर आश्रित हैं.

लोग खुद ही खोदने लगे कुआं

कई परिवारों ने खुद ही कुएं खोदने शुरू कर दिए हैं. वहीं, कुछ लोग जिनसे पास पैसा है, वे मिनरल वॉटर खरीद रहे हैं. बाकी लोग सस्ते फिल्टर से आने वाला पानी खरीदने को मजबूर हैं. इधर, हमास ने 16 अक्टूबर को कहा कि वादा करने के बाद भी इजरायल ने गाजा को पानी देना शुरू नहीं किया है.

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वहीं, एक इजरायली अधिकारी का कहना है कि गाजा पट्टी के दक्षिणी इलाके में पानी पहुंचाया गया है. इजरायली ऊर्जा मंत्री इजरायल काट्ज़ ने कहा है कि उनके देश के बंधकों को आजाद कराए बिना युद्ध नहीं रुकेगा. दूसरी तरफ सड़कों और कैंपों में कूड़े के ढेर लग गए हैं. इससे बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है. खान यूनिस में सफाई कर्मचारी की तरह काम करने वाले एक शख्स ने कहा,

"अगर कचरा ऐसे ही बढ़ता रहा तो ये बीमारियां और महामारी पैदा करेगा."

केवल गंभीर मरीजों की सर्जरी

वहीं, अस्पतालों की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. वहां स्वास्थ्य सुविधाएं खत्म हो रही हैं और मरीजों, घायलों की संख्या बढ़ती जा रही है. घेराबंदी के कारण दवाइयां और ईंधन नहीं पहुंच पा रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि केवल बेहद गंभीर मरीजों की सर्जरी हो पा रही है, क्योंकि सबका इलाज करने के लिए साधन ही नहीं हैं.

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इजरायल ने गाजा पट्टी पर पूरी तरह घेराबंदी की हुई है. इसकी सीमा पर इजरायली सैनिकों और टैंकों का जमावड़ा लगा है. गाजा में रहने वाले लोगों का कहना है कि पिछले 9 दिनों से चल रहे इस युद्ध में भयंकर हवाई हमले किए जा रहे हैं. इसके चलते कई घर बर्बाद हो गए हैं.

गाजा के अधिकारियों ने बताया कि यहां कम से कम 2,750 लोग मारे गए हैं. इनमें से ज्यादातर आम नागरिक हैं. इनमें 700 बच्चे भी शामिल हैं. वहीं, करीब 10,000 लोग घायल हुए हैं. यहां 1,000 से ज्यादा लोग लापता हैं. माना जा रहा है कि ये अभी भी मलबे में दबे हुए हैं. 

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