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गाजा के रिफ्यूजी कैंप पर इजरायल का हमला, 80 लोगों की मौत

Israel Hamas War: गाजा पट्टी के जबालिया रिफ्यूजी कैंप में पिछले महीने भी हमला हुआ था. इस बार यहां संयुक्त राष्ट्र के एक स्कूल पर एयर स्ट्राइक की गई. एक दूसरी बिल्डिंग पर हुए हमले में एक ही परिवार के 32 लोगों के मारे जाने की रिपोर्ट है.

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इस हमले में एक ही परिवार के 32 लोग मारे गए हैं. (तस्वीर साभार: Getty Images)

इजरायल और हमास (Israel Hamas War) के बीच चल रहे युद्ध में मरने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. गाजा पट्टी (Gaza Strip) के जबालिया रिफ्यूजी कैंप पर इजरायल ने हवाई हमला किया है. इस हमले में 80 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की रिपोर्ट है. जबालिया के इस रिफ्यूजी कैंप में संयुक्त राष्ट्र का एक स्कूल भी है, जिसे शेल्टर होम के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह गाजा का सबसे बड़ा रिफ्यूजी कैंप है. पिछले महीने भी इस रिफ्यूजी कैंप पर एयर स्ट्राइक हुई थी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 18 नवंबर की सुबह जबालिया रिफ्यूजी कैंप में संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित एक स्कूल पर एयर स्ट्राइक हुई. इस हमले में 50 लोग मारे गए. वहीं एक दूसरी बिल्डिंग पर भी हमला हुआ जिसमें एक ही परिवार के 32 लोग मारे गए. इनमें 19 बच्चे भी शामिल थे.

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के महासचिव और इमरजेंसी रिलीफ कॉर्डिनेटर मार्टिन ग्रिफिथ्स ने इस हमले की निंदा की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 

“शेल्टर्स सुरक्षा की जगहें होती हैं. स्कूल सीखने की जगह है. उत्तरी गाजा के अल फखौरी स्कूल में आश्रय के दौरान मारे गए बच्चों, महिलाओं और पुरुषों की खबर दुखद है.”

उन्होंने आगे लिखा,

“लोग इसे अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते और बर्दाश्त करना भी नहीं चाहिए. मानवता की जीत होनी चाहिए.”

पिछले महीने भी इस रिफ्यूजी कैंप पर एयर स्ट्राइक हुई थी. तब हमास ने दावा किया था कि इस हमले में 50 से अधिक लोग मारे गए, वहीं 150 से अधिक घायल हुए थे.

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वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल, अमेरिका और हमास एक समझौते पर पहुंचने के करीब हैं. अगर यह समझौता सफल होता है तो गाजा में पांच दिनों के लिए हमलों को रोक दिया जाएगा. इसके बदले गाजा में बंधक बनाए गए दर्जनों महिलाओं और बच्चों को रिहा किया जाएगा.

Al-Shifa अस्पताल को बताया Death Zone

इस बीच, विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) ने कहा है कि उनकी एक टीम ने उत्तरी गाजा के अल शिफा अस्पताल (Al Shifa Hospital) का दौरा किया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, मूल्यांकन दल ने अल शिफा अस्पताल को Death Zone (ऐसी जगह जहां मौत का खतरा है) बताया है. 

इससे पहले, गाजा पट्टी का यह सबसे बड़ा अस्पताल पूरी तरह ठप पड़ गया था. WHO के अनुसार, गाजा के अल-शिफा अस्पताल में बिजली, पानी और इंटरनेट की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो गई थी. इस अस्पताल में हजारों लोगों ने शरण ली हुई है. WHO ने कहा था कि गाजा में औसत हर 10 मिनट में एक बच्चे की मौत हो रही है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि गाजा में कहीं भी, कोई भी सुरक्षित नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पहले अल शिफा अस्पताल में तीन नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी.

बीते 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया था. इसके बाद इजरायल ने गाजा पट्टी में बमबारी शुरू कर दी था. इजरायल ने जमीनी रास्ते से भी गाजा पट्टी में हमला किया. 18 नवंबर को हमास के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के हवाले से The Guardian ने लिखा है कि अब तक इस लड़ाई में मरने वालों की संख्या 12 हजार से अधिक हो गई है. जिसमें 5 हजार से अधिक बच्चे भी शामिल हैं.

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