इजरायल ने रविवार, 3 मार्च को गाजा पट्टी को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने रमजान का महीना शुरू होते ही कुछ ऐसा किया है जिससे हमास के साथ चल रहे सीज़फायर को नुकसान पहुंच सकता है. पीएम नेतन्याहू ने गाजा पट्टी में सभी सामानों की आपूर्ति (Israel Stops Supply in Gaza) रोकने का एलान किया है. दरअसल शनिवार 1 मार्च को हमास के साथ चल रहे सीजफ़ायर का पहला चरण पूरा हो गया था. इसके बाद पीएम नेतन्याहू के आदेश पर फिलहाल गाजा में सभी सामानों की आपूर्ति रोक दी गई है.
रमजान के मौके पर इजरायल ने गाजा में सप्लाई रोकी, हमास ने बड़ा आरोप लगा दिया
Ramzan का महीना शुरू हो चुका है, और Gaza पट्टी में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. इजरायल (Israel Stops Supply in Gaza) ने सामान की आपूर्ति भी रोक दी है. ऐसे में Hamas के साथ दोबारा जंग शुरू होने का खतरा भी मंडरा रहा है.

उधर हमास ने इसे सीजफ़ायर की शर्तों का उल्लंघन बताया है. हमास ने उसके और इजरायल के बीच मध्यस्थता कर रहे देशों से इसमें हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. हमास का कहना है कि सीजफ़ायर का दूसरा चरण बातचीत के जरिये आगे बढ़े. इसमें फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और गाजा से इजरायली सेना की वापसी शामिल है. हमास के प्रवक्ता ने इजरायल के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा
गाजा में दी जाने वाली सहायता को रोकना इजरायली कब्जे के बदसूरत चेहरे को दिखाता है. हमारे लोगों को भूखा न मरना पड़े, इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इजरायली सरकार और पीएम नेतन्याहू पर दबाव डालना चाहिए.
नेतन्याहू के इस फैसले के बाद गाजा में फिर से युद्ध शुरू होने के आसार नजर आ रहे हैं . 19 जनवरी से शुरू हुए सीज़फायर की मियाद 1 मार्च को खत्म हो गई थी. इस दौरान हमास ने 33 इजरायली बंधकों को रिहा किया था. बदले में इजरायल ने 2 हजार से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है. अब आगे हमास और इजरायल के बीच दूसरे चरण के सीजफ़ायर की बातचीत प्रस्तावित थी. लेकिन ये बातचीत कब और कहां होगी, ये अभी तय नहीं है. रमज़ान का महीना शुरू हो चुका है, और गाजा पट्टी में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. इजरायल ने सामान की आपूर्ति भी रोक दी है. ऐसे में दोबारा जंग शुरू होने का खतरा मंडरा रहा है.
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इधर इजरायल के भीतर भी पीएम नेतन्याहू का विरोध बढ़ता जा रहा है. फरवरी के आखिरी दिनों में राजधानी तेल अवीव में उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए थे. लोगों ने उनसे हमास के साथ समझौता करने और जल्द से जल्द बंधकों की रिहाई करवाने की मांग की थी. लोगों को डर है कि नेतन्याहू जिस तरह के कदम जैसे रमजान के महीने सप्लाई रोकना जैसे काम कर रहे हैं, उससे हमास की कैद में रह रहे इजरायली बंधकों की जान को खतरा हो सकता है.
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