
अब देखो सोशल मीडिया पर:

हमने इस खबर की पड़ताल की. इसी हेडलाइन को पकड़कर सर्च किया तो पता चला कि सिर्फ एक वेबसाइट है जिसने ये खबर लगाई है. उसका टेक्स्ट भी सेम टू सेम है. वेबसाइट का नाम है आजाद सिपाही. लेकिन चूंकि उसमें सिर्फ सूत्रों का हवाला दिया गया था, उनका नाम नहीं, तो किसी से संपर्क हो नहीं सकता था.

ये है वो वेबसाइट
लेकिन कुंभ मेले में जिम्मेदारी वाले पदों पर बैठे लोगों से तो बात हो ही सकती थी. तो हमने कुंभ मेले का मीडिया से संबंधित सब काम देखने वाले दिनेश कुमार गुप्ता जी के पास फोन किया. उनसे पूछा कि ये जो सूत्रों के हवाले से खबरें आ रही हैं इनमें कितनी सच्चाई है? क्या मेला आयोजन समिति या सरकार ने कॉन्डम(वही कंडोम) सप्लाई की सूचना किसी को दी है. दिनेश ने कहा- नहीं ऐसा कुछ नहीं है. ये सब झूठी बातें हैं.
पहले हुआ है क्या कुछ ऐसा?
हां जी हुआ है. चार साल पहले नासिक में कुंभ हुआ था. वहां मेले से संबंधित अथॉरिटीज ने 5.40 लाख कॉन्डम की सप्लाई की गई थी. आयोजनकर्ता इन खबरों के आने से नाराज थे. वैसे नासिक में कुंभ के दौरान एक महीने में कॉन्डम की जितनी खपत होती है ये संख्या उसकी डबल थी. लोग भी मजे लेने लगे थे कि जनता यहां पाप मिटाने आ रही है या ठरक? हालांकि ये टर्म बेशर्मी वाला है लेकिन लोग जो कह रहे हैं वो भी जानना तो जरूरी है.

नासिक कुंभ के टाइम
इस बार भी बवाल इसी खबर को लेकर है. लेकिन इस बार बिना किसी सोर्स के फ़ेक न्यूज़ फैलाई जा रही है. सरकार ने ऐसा किया है या नहीं, इसका तो पता नहीं लेकिन अभी किसी को इस बारे में बताया नहीं है. और जब तक ऑफिशियली न बताया जाए तब तक ऐसी कोई भी खबर फैलाना फ़ेक न्यूज़ को बढ़ावा देना है. इससे बच जाओ बस समझो गंगा नहा लिया.