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ईरान के सुप्रीम लीडर ने बगल में बंदूक रख किया एलान, "इज़रायल की उल्टी गिनती शुरू..."

तेहरान की एक मस्जिद में हज़ारों समर्थकों के सामने उन्होंने इज़रायल पर मिसाइल हमलों को जस्टिफ़ाई किया. यहां तक कह दिया कि वो एक 'पब्लिक सर्विस' है.

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ईरान के सर्वोच्च नेता ख़ामेनेई ने जारी किया फ़तवा. (फ़ोटो - एजेंसी)

शुक्रवार, 4 अक्टूबर को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनेई ने अपने उपदेश में इज़रायल के ख़िलाफ़ फिलिस्तीनी और लेबनान के आंदोलनों का समर्थन किया और कहा है कि इज़रायल की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. 

यह बात उन्होंने अपने दुर्लभ उपदेश में कही है. पांच सालों में दिया पहला उपदेश. तेहरान की एक मस्जिद में हज़ारों समर्थकों के सामने उन्होंने इज़रायल पर मिसाइल हमलों को जस्टिफ़ाई किया. यहां तक कह दिया कि वो एक 'पब्लिक सर्विस' है.

और क्या-क्या कह गए?

अली ख़ामेनेई ईरान में सर्वोच्च पद पर आसीन ‘सुप्रीम लीडर’ हैं. उन्होंने आख़िरी बार जुमे का ऐसा धर्मोपदेश पांच साल पहले दिया था. जनवरी 2020 में, जब रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के टॉप कमांडर क़ासिम सुलेमानी की हत्या के जवाब में ईरान ने इराक़ में अमेरिकी बेस पर मिसाइलों से हमला किया था. यह वाला धर्मोपदेश भी एक हमले के बाद ही आया है. मंगलवार, 1 अक्टूबर को हुआ हमला, जब ईरान ने इज़रायल पर 200 से ज़्यादा बलिस्टिक मिसाइलें दागीं.

ईरान-समर्थित हिज़बुल्लाह के लीडर हसन नसरल्लाह के लिए प्रार्थना समारोह रखा गया था. उसके बाद ख़ामेनेई ने भाषण दिया. जब वो सभा को संबोधित कर रहे थे, तब उनकी बग़ल में एक बंदूक़ रखी हुई थी. 

नोट: ईरान हमास और हिज़बुल्लाह दोनों का समर्थन करता है, जो दो मोर्चों पर इज़रायल से लड़ रहे हैं. 

ख़ामेनेई ने एलान किया है कि इज़रायल हमास या हिज़बुल्लाह के ख़िलाफ़ जीत नहीं पाएगा. इसी के साथ ‘हम आपके साथ हैं’ के नारों ने मस्जिद परिसर गूंज उठा. अपने भाषण में उन्होंने हिज़बुल्लाह चीफ़ नसरल्लाह की भी प्रशंसा की. बोले,

सैय्यद हसन नसरल्लाह अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आत्मा और उनका रास्ता हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा. वह ज़ायोनी दुश्मनों के खिलाफ़ एक ऊंचे ध्वज की तरह थे. उनकी शहादत इस प्रभाव को और बढ़ाएगी. नसरल्लाह का नुक़सान व्यर्थ नहीं है. हमें अपने अटूट विश्वास को मज़बूत करते हुए दुश्मन के ख़िलाफ़ खड़ा होना चाहिए.

ख़ामेनेई ने हिज़बुल्लाह को एक 'धन्य वृक्ष' तक कह दिया. इसके अलावा हमास के 7 अक्टूबर वाले हमले का भी समर्थन किया. उसे ‘सही क़दम’ बता दिया.

केवल इज़रायल पर नहीं बरसे. अमेरिका को भी खींचा. कहा कि इज़रायल बस अमेरिका का मोहरा है, जो मध्य-पूर्व की ज़मीन और संसाधन पर नज़र गड़ाए हुए है.

पांच साल में ख़ामेनेई के पहले धर्मोपदेश को विशेषज्ञ एक तरह के प्रदर्शन के तरह भी देख रहे हैं. वे इज़रायल के लिए एक टॉप टार्गेट बने हुए हैं, जिसने मिसाइल हमलों के बाद जवाबी कार्रवाई की कसम खाई है.

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