हिज़बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत से कुछ घंटे पहले एक ईरानी जासूस ने इज़रायली अधिकारियों ने उसकी लोकेशन की जानकारी दी थी. जासूस ने इज़रायली अधिकारियों को जानकारी दी कि नसरल्लाह संगठन के कई टॉप मेंबर्स के साथ बैठक में भाग लेने वाला है और ये बैठक बेरूत के दक्षिण में हिज़बुल्लाह के अंडरग्राउंड मुख्यालय में होगी.
ईरान के जासूस ने इजरायल को बताया हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह का ठिकाना, रिपोर्ट में खुलासा
रिपोर्ट में Lebanon के एक सुरक्षा सूत्र के हवाले से बताया गया कि जासूस ने इज़रायली अधिकारियों को हमले से पहले जानकारी दी थी. बताया था कि नसरल्लाह संगठन के कई टॉप मेंबर्स के साथ बैठक में भाग लेने वाला है.
ये दावे किये गये हैं फ्रांसीसी अखबार ले पेरिसियन की एक रिपोर्ट में. इस रिपोर्ट में लेबनान के एक सुरक्षा सूत्र का भी हवाला दिया गया है. सूत्र ने अखबार को बताया,
इज़रायली सेना ने सभी उपाय किए, वो अपने लक्ष्य से चूकना नहीं चाहते थे. इज़रायल के F-35, बंकर-विध्वंसक बमों से सजे हुए थे और लेबनानी आसमान में घात लगाकर बैठे थे. ये कमांड सेंटर में टार्गेट के आने का इंतजार कर रहे थे. और अंत में उन्होंने घटना को अंजाम दिया.
बेरूत के दक्षिणी उपनगर दहिह के मध्य में हिज़बुल्लाह का ऑफ़िस है. यहां छह इमारतों के एक परिसर में नसरल्लाह को मार दिया गया.
इज़रायल ने लगातार जासूस इस्तेमाल किएन्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि हिज़बुल्लाह के ख़िलाफ़ इज़रायल की हालिया सफलताओं में उसके खुफिया तंत्र का काफी योगदान रहा है. 2006 के संघर्ष के बाद इजरायल ने अपने इंटेलिजेंस एजेंसी को और मजबूत किया है. तब ये संघर्ष संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता के बाद रुक सका था. बाद के सालों में इज़रायल ने हिज़बुल्लाह के नेतृत्व और रणनीति के बारे में जानकारी इक्ट्ठा करने के लिए इंटेलिजेंस सिस्टम में ज्यादा संसाधन लगाए
रिपोर्ट के मुताबिक नसरल्लाह को मारने के ऑपरेशन में ज़रूरी जानकारी सैनिकों और वायु सेना तक जल्दी से जल्दी पहुंच जाए, इसके लिए इन संगठनों के भीतर ही नई टीमें बनाई गईं. इज़रायल की सिग्नल इंटेलिजेंस एजेंसी यूनिट 8200 ने हिज़बुल्लाह के सेलफ़ोन और अन्य संचार को बेहतर ढंग से इंटरसेप्ट करने के लिए अत्याधुनिक साइबर उपकरण बनाए. नतीजा पेज़र और वॉकी-टॉकी अटैक रहा, जिसमें हिज़बुल्लाह के बहुत सारे लोग मारे गए.
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टेलीविज़न पर दिए गए एक हालिया भाषण में नसरल्लाह ने भी ये बात मानी थी. नसरल्लाह ने कहा था कि इज़रायल के पेजर और वॉकी-टॉकी अटैक से हिज़बुल्लाह को अभूतपूर्व झटका लगा. इन हमलों में दो दिनों में 37 लोग मारे गए और लगभग 3,000 लोग घायल हुए थे. AFP की रिपोर्ट के अनुसार, लेबनानी जांच में पाया गया कि पेजरों में बम लगा हुआ था.
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