अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) से मिली बमबारी की धमकी के बाद ईरान ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. ईरान ने अपने अंडरग्राउंड मिसाइल ठिकानों को तैयार कर लिया है (Iran readies missiles). ताकि ज़रूरत पड़ने पर अमेरिका से जुड़े ठिकानों पर हमला किया जा सके. ख़बर है कि ईरान ने अपने सभी लॉन्चर लोड भी कर लिये हैं.
डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान को दी समझौते की धमकी, जवाब में ईरान ने मिसाइलें तैनात कर दीं
ईरान ने देशभर में अंडरग्राउंड सुविधाओं के भीतर अपनी मिसाइलों को लॉन्च करने के लिए तैयार कर दिया है. ये मिसाइलें हवाई हमलों का सामना करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं.

इससे पहले, डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर सख़्त रुख दिखाया था. ट्रंप ने ईरान को धमकी दी कि अगर वो अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर किसी समझौते पर नहीं पहुंचता है, तो अमेरिका ईरान पर बमबारी कर सकता है. डॉनल्ड ट्रंप ने NBC न्यूज़ को दिये इंटरव्यू में कहा,
अगर ईरान कोई समझौता नहीं करता है, तो बमबारी होगी. वो भी ऐसी, जैसी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी होगी.
इसी पर ईरान की तैयारियों की ख़बर आई है. ईरानी मीडिया संस्थान तेहरान टाइम्स की ख़बर के मुताबिक़, ईरान ने देशभर में अंडरग्राउंड सुविधाओं के अंदर अपनी मिसाइलों को लॉन्च करने के लिए तैयार कर रखा है. ये मिसाइलें हवाई हमलों का सामना करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं.
ईरान के एक अन्य न्यूज़ चैनल ईरान ऑब्ज़र्वर ने ईरानी आर्मी की तैयारियों से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर शेयर किया है. इसमें लिखा है,
ईरान ने शायद अपने अब तक के सबसे बड़े मिसाइल सिटी का अनावरण किया है. जो क्षेत्र में सभी अमेरिकी एसेट्स को नष्ट कर सकता है. नए अंडरग्राउंट मिसाइल बेस में हज़ारों सटीक-गाइडेड मिसाइलें हैं. इनमें से प्रमुख हैं- खेबर शेकन (900 मील की रेंज), हज कासिम (850 मील), ग़दर-एच (1,240 मील), सेज्जिल (1,550 मील) और इमाद (1,050 मील).
बता दें कि जनवरी में अपने शपथ ग्रहण के बाद से ही डॉनल्ड ट्रंप ने बार-बार कहा है कि अगर ईरान उनकी बात नहीं मनाता है, तो वो ईरान पर बमबारी करेंगे. रिपोर्ट्स बताती हैं कि अमेरिका के बड़े मुद्दों में ईरान का परमाणु कार्यक्रम, उसके आतंकी गुटों के साथ संबंध और उसका मिसाइल-ड्रोन प्रोग्राम्स शामिल है.
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उधर, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने कहा कि ईरान अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर अमेरिका के साथ सीधी बातचीत नहीं करेगा. ट्रंप ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को एक पत्र भेजा था. इसी के जवाब में मसूद पेजेशकियान ने सीधी बातचीत ना करने का बयान दिया.
वहीं, ईरान की प्रतिक्रिया के बाद ट्रंप प्रशासन ने फिर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि वो ईरान को अपना न्यूक्लियर प्रोग्राम विकसित करने और ‘परमाणु हथियार हासिल करने’ की मंजूरी नहीं दे सकता. ट्रंप की बात को दोहराते हुए अमेरिकी विदेश विभाग ने चेतावनी दी है. कहा कि अगर ईरान ने समझौते को स्वीकार करने से मना किया, तो उसे बुरे नतीजे भुगतने होंगे.
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