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भारत में पिछले साल शादियों पर खर्च हो गए 1,00,00,00,00,00,000 रुपये!

भारत का पिछले साल का बजट 45 लाख करोड़ रुपये था. यानी भारतीय की शादी का कुल खर्च एक साल के बजट का करीब एक चौथाई है.

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रिपोर्ट बताती है कि भारत में एक शादी में औसतन 12 लाख रुपये खर्च होते हैं. (सांकेतिक फोटो)

कुछ महीने पहले गुजरात के जामनगर में हुए एक भव्य आयोजन की चर्चा आपने जरूर सुनी होगी. देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के बेटे की प्री-वेडिंग सेरेमनी थी. माने शादी से पहले वाला आयोजन. रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस तीन दिवसीय भव्य आयोजन पर करीब 1200 करोड़ रुपये खर्च हुए. इससे पहले 2018 में मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी की शादी में करीब 700 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. अक्सर ऐसी खबरें आती हैं कि फलाने की शादी में करोड़ों रुपये खर्च हुए. ये तो रईसों की बात हुई. लेकिन हाल में आई एक रिपोर्ट से पता चलता है कि आम भारतीय भी शादियों में दम भर खर्च करते हैं. इतना कि भारतीय शादी का औसत खर्चा एक व्यक्ति के ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई के औसत खर्चे से दोगुना होता है.

इन्वेस्टमेंट बैंकिंग और कैपिटल मार्केट फर्म जेफरीज़ (Jefferies) की एक रिपोर्ट आई है. ये रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल भारतीयों ने शादियों पर साढ़े 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किए. पिछले साल यानी वित्त वर्ष अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के दौरान. ये अमेरिका की वेडिंग इंडस्ट्री का करीब-करीब दोगुना है. वहां पिछले साल लोगों ने शादियों पर करीब साढ़े 5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए. भारत की वेडिंग इंडस्ट्री दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी है. पहले नंबर पर चीन है. वहां पिछले साल ये इंडस्ट्री 14 लाख करोड़ की थी.

एक शादी का औसतन खर्च 12 लाख रुपये

जानकारी के लिए बता दें कि भारत का पिछले साल का बजट 45 लाख करोड़ रुपये था. यानी भारतीय शादियों का कुल खर्च एक साल के बजट का करीब एक चौथाई है.

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का एक डेटा बताता है कि भारत में एक शादी में औसतन 12 लाख रुपये खर्च होते हैं. जो भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी का करीब 5 गुना है. भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी करीब 2 लाख 40 हजार रुपये है. GDP को देश की जनसंख्या से विभाजित करने पर जो संख्या आएगी, उसे ही प्रति व्यक्ति GDP कहते हैं. आसान शब्दों में कहें तो देश के हर इंसान ने औसतन इतने रुपये के प्रोडक्ट या सेवाएं बनाई हैं. प्रति व्यक्ति GDP के मामले में भारत 194 देशों में 144वें नंबर पर है.

आगे बढ़ने से पहले एक और आंकड़े पर ध्यान देना जरूरी है. ये कि, भारत की सालाना औसत प्रति व्यक्ति आय एक लाख 72 हजार 276 रुपये है. ये आंकड़ा साल 2022-23 का है. ये औसत है. कुछ राज्यों की औसत प्रति व्यक्ति आय इससे बहुत कम है. जैसे बिहार की 54 हजार 111 रुपये और झारखंड की औसत प्रति व्यक्ति आय 91 हजार 874 रुपये है.

सबसे ज्यादा गहने-जेवरातों पर खर्च

Jefferies की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीयों ने पिछले साल शादियों पर जो साढ़े 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, उनमें से करीब 3 लाख करोड़ रुपये ज्वेलरी पर खर्चे गए. वेडिंग इंडस्ट्री में सबसे बड़ी हिस्सेदारी इसी की है. वहीं, खाने-पीने पर करीब 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए. इवेंट पर डेढ़ लाख करोड़, फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी पर 92 हजार करोड़, कपड़ों और सजावट पर 80 हजार करोड़ रुपये खर्चे गए.

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शादी में खर्चों का एक और आंकड़ा है. अमीरों की शादियां कुल शादियों का एक फीसदी है लेकिन कुल खर्च में उनकी हिस्सेदारी 12 फीसदी है. वहीं, सबसे कम खर्च करने वालों की संख्या 17 फीसदी है, जिनकी खर्च में हिस्सेदारी 4 परसेंट है. अमीरों (एक फीसदी में आने वालों) की शादी का औसतन खर्च एक करोड़ और सबसे कम खर्च वालों का औसत 3 लाख रुपये है. इन दोनों के बीच में है मिड-लेवल की शादियां. और कुल शादियों में इसकी हिस्सेदारी है करीब 51 फीसदी और कुल खर्चे में करीब 63 फीसदी. इस कैटेगरी में आने वाले शादियों में औसतन 10 लाख से 25 लाख तक खर्च किए जाते हैं.

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