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फिलिस्तीन संकट के लिए माइक्रोसॉफ्ट के लीडर्स को सुनाने वाली वाणिया अग्रवाल को नौकरी से निकाला गया

वाणिया अग्रवाल ने ये आरोप कंपनी की 50वीं सालगिरह समारोह के दौरान लगाए थे, जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया. इस दौरान माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व और वर्तमान लीडर बिल गेट्स, स्टीव बाल्मर और सत्या नडेला भी मौजूद थे.

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वाणिया सितंबर 2023 से माइक्रोसॉफ्ट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर II के पद पर कार्यरत थीं. (फोटो- X)

भारतीय मूल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर और माइक्रोसॉफ्ट में काम करने वाली वाणिया अग्रवाल को कंपनी ने तय समय से पहले ही निकाल दिया है. वाणिया ने कंपनी पर गाजा युद्ध में इजरायल का साथ देने के गंभीर आरोप लगाए थे. वाणिया ने ये आरोप कंपनी की 50वीं सालगिरह समारोह के दौरान लगाए, जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया. इस दौरान माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व और वर्तमान लीडर बिल गेट्स, स्टीव बाल्मर और सत्या नडेला भी मौजूद थे. वाणिया ने इस दौरान आरोप लगाए कि गाजा में 50,000 ‘फिलिस्तीनियों की हत्या माइक्रोसॉफ्ट की टेक्नोलॉजी से’ हुई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ये वाकया वाशिंगटन के रेडमंड में हुआ. जहां माइक्रोसॉफ्ट की 50वां सालगिरह समारोह चल रहा था. इस दौरान माइक्रोसॉफ्ट में काम करने वाली वाणिया ने कहा,

"आप सभी को शर्म आनी चाहिए. आप सभी पाखंडी हैं. गाजा में 50,000 फिलिस्तीनियों की हत्या माइक्रोसॉफ्ट की टेक्नोलॉजी से हुई है. उनके खून में जश्न मनाने के लिए आप सभी को शर्म आनी चाहिए. इजरायल से संबंध तोड़ लें."

इस विरोध के बाद वाणिया को तुरंत वहां से बाहर ले जाया गया. वाणिया सितंबर, 2023 से माइक्रोसॉफ्ट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर II के पद पर कार्यरत थीं. उनका ये कदम माइक्रोसॉफ्ट के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक से जुड़ा है. कंपनी ने इजराइल को ये टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराई थी. आरोप लगते हैं कि इसका उपयोग गाजा युद्ध में फिलिस्तीन के खिलाफ किया जा रहा है.

समय से पहले नौकरी से निकाला गया

वाणिया ने इस घटना के बाद कंपनी को ईमेल लिख अपने इस्तीफे की घोषणा की. जिसमें उन्होंने लिखा कि वो अच्छे विवेक के साथ ऐसी कंपनी का हिस्सा नहीं रह सकतीं जो इस हिंसक अन्याय में शामिल है. उनका आखिरी वर्किंग डे 11 अप्रैल निर्धारित किया गया था, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट ने उन्हें तुरंत नौकरी से निकाल दिया.

इससे पहले एक अन्य कर्मचारी इब्तिहाल अबूस्साद ने भी समारोह में माइक्रोसॉफ्ट AI के सीईओ मुस्तफा सुलेमान को निशाना बनाते हुए विरोध जताया था. उन्होंने कहा,

"मुस्तफा, आपको शर्मिंदगी महसूस होनी चाहिए. माइक्रोसॉफ्ट इजरायली सेना को AI हथियार बेचती है, जिससे 50,000 लोगों की मौत हुई."

वाणिया ने माइक्रोसॉफ्ट से पहले ऐमजॉन में काम किया था. इसके अलावा वो मेडिकल असिस्टेंट और चाय सलाहकार के रूप में भी काम कर चुकी हैं. उन्होंने एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है और ग्रेस हॉपर स्कॉलरशिप भी हासिल कर चुकी हैं. उनका ये विरोध सिलिकॉन वैली में बढ़ते असंतोष का हिस्सा है, जहां टेक कंपनियों के इजरायल के साथ सहयोग पर सवाल उठ रहे हैं.

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