INDIA या भारत नाम पर सियासी बवाल शुरू हो गया है. कहा जा रहा है कि G20 के ठीक बाद मोदी सरकार ने संसद का जो विशेष सत्र बुलाया है, उसमें इसी पर काम होगा. नाम बदल दिया जाएगा और फिर देश का नाम सार्वजनिक और सार्वभौमिक रूप से सिर्फ ‘भारत’ रहेगा. फिर INDIA कहा जाना बीते जमाने की बात हो जाएगी. हालांकि, फिर बता दें कि ऐसी केवल अटकलें लगाई जा रही हैं.
मोदी सरकार INDIA नाम खत्म कर देगी? इस डॉक्यूमेंट ने सारी कहानी बता डाली
तीन घटनाएं हुईं जिनसे INDIA नाम बदलने की बात होने लगी. अब इस पर किसने क्या बोला?
नाम बदलने वाली बातों को कई वजहों से बल मिला. मंगलवार, 5 सितंबर को सुबह-सुबह पता लगा कि एक्स (ट्विटर) पर एक नया हैंडल 'G20 भारत' लॉन्च हुआ है. ये G20 का अतिरिक्त एक्स अकाउंट होगा. इसके तहत G20 से संबंधित टिप्पणियां और सूचनाएं भारत के आधिकारिक नाम से जारी की जाएंगी. एक खबर और आई जिससे नाम बदलने की अटकलें लगने लगीं. राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को G20 डिनर के लिए जो निमंत्रण पत्र भेजा है, वो भी 'भारत के राष्ट्रपति' ('President of Bharat') के नाम से भेजा गया है. जबकि अभी तक इसके लिए सामान्य प्रचलन में ‘President of India’ ही लिखा जाता रहा है. इस निमंत्रण पत्र की एक तस्वीर भी सामने आई है, जिसे एक मंत्री को भेजा गया है. इस पर 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा हुआ दिख रहा है.
मोहन भागवत ने भी बोल दियाINDIA नाम को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की ओर से भी बोला गया है. शुक्रवार, 1 सितंबर को मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा कि इंडिया की जगह भारत का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. उन्होंने लोगों से ये अपनी आदत में शुमार करने की अपील भी की. उन्होंने आगे कहा कि भारत नाम प्राचीन काल से चला आ रहा है और इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए. ये भी बोले कि देश का नाम सदियों से भारत रहा है. भाषा कोई भी हो, नाम तो एक ही रहता है.
उधर, देश का नाम INDIA नहीं, सिर्फ भारत हो जाने की अटकलों के बीच इस पर सियासत भी शुरू हो गई है. BJP नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने एक्स पर लिखा,
‘रिपब्लिक ऑफ भारत (भारत गणराज्य) - खुशी और गर्व है कि हमारी सभ्यता साहसपूर्वक अमृत काल की ओर आगे बढ़ रही है.'
कांग्रेस सासंद जयराम रमेश ने नाम बदलने की अटकलों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राष्ट्रपति भवन द्वारा द्वारा भेजे गए निमंत्रण पत्र की बात करते हुए कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा,
“तो ये खबर वाकई सच है... राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को G20 रात्रिभोज के लिए सामान्य 'इंडिया के राष्ट्रपति' के बजाय 'भारत के राष्ट्रपति' के नाम पर निमंत्रण भेजा है. अब संविधान में अनुच्छेद-1 को ऐसे पढ़ा जा सकता है- 'भारत, जो इंडिया था, राज्यों का एक संघ होगा'. लेकिन अब इस 'राज्यों के संघ' पर भी हमला हो रहा है”
कुल मिलाकर कहें तो अगर देश का नाम सिर्फ भारत कर दिया जाता है तो ये अभी-अभी बने I.N.D.I.A. गठबंधन के लिए बड़ा झटका साबित होगा, क्योंकि हाल ही में ही इस गठबंधन का नाम UPA से बदलकर INDIA किया गया है.
अनुराग ठाकुर बोले- 'विपक्ष की अटकलें, मात्र अफवाह'विपक्षी खेमे में ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र 'इंडिया' नाम हटाने के लिए बुलाया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इन अटकलों को 'अफवाह' बताया है. रिपोर्ट के मुताबिक अनुराग ठाकुर ने कहा,
“मुझे लगता है कि ये सिर्फ अफवाहें हैं. मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि जो कोई भी भारत शब्द पर आपत्ति जताता है, वह साफ तौर पर उसकी मानसिकता को दिखाता है.”
बता दें कि मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है. इसकी घोषणा होते ही सूत्रों के हवाले से कई तरह की खबरें आईं. सूत्रों के हवाले से बताया गया कि विशेष सत्र में 'एक देश, एक चुनाव' बिल, यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) और महिला आरक्षण बिल लाया जा सकता है. हालांकि, सरकार की तरफ से इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है.
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