The Lallantop

'पहले कहा फिर बोल रहे... ', इजरायल ने हमास पर अब भारत से क्या मांग लिया?

भारत में इजरायली राजदूत नाओर गिलोन ने कहा, जब आतंक की बात आती है तो भारत इसे इच्छी तरह समझता है क्योंकि वो खुद कई सालों से आतंकवाद का शिकार रहा है. ऐसे में इजरायल हमास को लेकर भारत के सामने फिर अपनी मांग रख रहा है.

post-main-image
हमास और इजरायल के बीच जंग जारी है (फोटो- रॉयटर्स)

इजरायल-हमास जंग (Israel Hamas War) के बीच भारत ने फिलिस्तीन के लोगों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया और ऐलान किया कि वो आगे भी मदद भेजता रहेगा. इस बीच इजरायल के राजदूत ने इच्छा जताई है कि भारत हमास को एक आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित करे. उन्होंने बताया कि ये बात पहले भी भारत के सामने उठाई जा चुकी है. इजरायली राजदूत नाओर गिलोन ने हमास के खिलाफ इजरायल को सपोर्ट करने के लिए भारत को धन्यवाद भी कहा.

मीडिया से बात करते हुए नाओर गिलोन ने कहा,

भारत एक बहुत करीबी सहयोगी है और दुनिया में एक बहुत ही महत्वपूर्ण नैतिक आवाज है. जब आतंक की बात आती है तो भारत इसे इच्छी तरह से समझता है क्योंकि वो खुद कई सालों से आतंकवाद का शिकार रहा है. विश्व के लोकतंत्र हमारे साथ हैं. मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि भारत आधिकारिक तौर पर हमास को एक आतंकवादी संगठन घोषित करे. कई देश जैसे यूरोपीय संघ, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया पहले ही ऐसा कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें- इज़रायल पर रॉकेट दागने वाले इस्लामिस्ट चरमपंथी समूह 'हमास' की पूरी कहानी

नाओर गिलोन आगे बोले,

ये पहली बार नहीं है जब हमने इस बारे में बात की है. हम दबाव नहीं डाल रहे हैं. हम सोचते हैं कि ये उचित है. हमने हमले के बाद इस मुद्दे को उठाया और हम अभी भी बातचीत कर रहे हैं. ये एक दोस्ताना बातचीत है.

गिलोन कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकी हमले की निंदा करने वाले पहले विश्व नेताओं में से थे और उन्होंने आतंकवाद की स्पष्ट निंदा का एक बहुत मजबूत स्वर स्थापित किया. गिलोन ने आगे बताया कि हमास के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई का मकसद ये सुनिश्चित करना है कि संगठन ऐसी क्रूरता दोबारा ना कर पाए.

ये भी पढ़ें- "फिलिस्तीन को मदद..."- UN में सबके सामने भारत ने क्या बड़ा ऐलान कर दिया?

बता दें कि हमास को एक उग्रवादी, कट्टरपंथी इस्लामी संगठन के तौर पर जाना जाता है. हमास का पूरा नाम है हरक़त अल-मुक़ावमा अल-इस्लामिया. मतलब, इस्लामिक रेज़िस्टन्‍स मूवमेंट - इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन. शेख अहमद यासीन नाम के एक फिलिस्तीनी मौलाना ने दिसंबर, 1987 में इस संगठन का गठन किया था. इजरायल और पश्चिमी देशों ने इसे आतंकी संगठन घोषित कर रखा है.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: गाज़ा में इजरायल ने खून बहाया, तो भारत ने फिलिस्तीन पर क्या कहा?