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Maldives Row: राष्ट्रपति मुइज्जु के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव!, मालदीव के नेता और क्या मांग कर रहे हैं?

Maldives की विपक्षी पार्टी के नेता अली अजीम, मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री मारिया अहमद और पूर्व खेल मंत्री अहमद महलूफ ने भारत के पक्ष में बयान दिए हैं.

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मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जु के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी हो रही है. (फोटो सोर्स- AP)

भारत और मालदीव के बीच जारी विवाद (India maldives row) के बीच, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohammad Muizzu) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No confidence vote against Mohamed Muizzu) लाने की मांग की गई है. मालदीव की विपक्षी पार्टी के नेता अली अजीम ने कहा है कि ‘हमें देश की विदेश नीति को मजबूत बनाए रखनी है.’ इससे पहले  मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री मारिया अहमद ने भी भारत की तारीफ़ करते हुए राष्ट्रपति मुइज्जू के प्रशासन की आलोचना की थी. कहा था कि ‘भारत हमारे लिए एक दोस्त की तरह आपातकाल में मदद करने वाला पड़ोसी देश है.’

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अली अजीम क्या बोले?

अली अजीम मालदीव के विपक्षी दल, मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,

“हम डेमोक्रेट्स, देश की विदेश नीति को मजबूत बनाए रखने और किसी भी पड़ोसी देश को अलग-थलग होने से रोकने के लिए समर्पित हैं.”

उन्होंने पूछा,

"क्या आप राष्ट्रपति मुइज्जू को सत्ता से हटाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार हैं? क्या MDP सेक्रेटेरिएट 'नो कॉन्फीडेंस वोटिंग' (अविश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान) शुरू करने को तैयार है?"

बता दें कि बीते दिनों मालदीव में राष्ट्रपति मुइज्जू की नई सरकार के कई मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणियां की थीं, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच विवाद खड़ा हो गया था. इसके चलते, रविवार, 7 जनवरी को मालदीव सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने पर तीन डिप्टी मिनिस्टर्स, मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद को सस्पेंड कर दिया था.

इसके पहले मालदीव के पूर्व खेल मंत्री अहमद महलूफ ने कहा था कि

"मैं हमारे सबसे करीबी पड़ोसी के बारे में संवेदनशील टिप्पणियों के चलते बिगड़ रही स्थितियों को लेकर चिंतित हूं. भारतीयों के मालदीव को बायकॉट करने से देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा. हमारे लिए ऐसे अभियान से उबर पाना मुश्किल होगा."

मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री क्या बोलीं?

जारी विवाद के बीच, मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री मारिया अहमद दीदी ने भी ANI के साथ एक इंटरव्यू में भारत के समर्थन में बयान दिए हैं.
उन्होंने कहा है कि भारत के साथ विवाद, 'राष्ट्रपति मुइज्जू के प्रशासन  की नाकामी है.'

मारिया ने कहा,

"हम एक छोटे देश हैं. हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि हमारी सीमाएं भारत के साथ लगती हैं. भारत हमारा दोस्त है. हमारे लिए भारत 911 की कॉल की तरह है. हम कॉल करते हैं और वो मदद के लिए आ जाते हैं."

मारिया ने कहा कि जब आप अपने दोस्त के बारे में ऐसी अपमानजनक टिप्पणियां देखते हैं तो ये हम सभी लोगों के लिए दुखद है.

इधर भारत में भी मालदीव के राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया और टिप्पणियों पर नाराजगी जाहिर की गई है. मालदीव के मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणियों की भारत में काफी आलोचना हुई है. लोगों ने मालदीव के बजाय लक्षद्वीप सरीखे घरेलू टूरिस्ट डेस्टिनेशंस पर जाने का आग्रह किया है. सोशल मीडिया पर ये भी दावा चल रहा है कि विवाद के मद्देनजर भारतीय लोग, अपनी मालदीव की यात्रा कैंसल कर रहे हैं. हालांकि मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सरकार उन ‘अपमानजनक टिप्पणियों’ से अवगत है. और वे व्यक्तिगत विचार मालदीव की सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.


 

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