हमास और इज़रायल (Hamas-Israel War) के बीच जंग से संबंधित एक बहस हमारे देश में भी हो रही है. विवाद ये कि एक तरफ़, फिलिस्तीन को भारत मदद और राहत सामग्री भेज रहा है. वहीं दूसरी तरफ़, देश में फिलिस्तीन का समर्थन करने पर पुलिस की डायरी में नाम चढ़ जा रहा है. केस हो जा रहा है.
सरकार फिलिस्तीन को मदद भेज रही, फिर यहां समर्थकों पर कार्रवाई क्यों?
एक तरफ़ सरकार फिलिस्तीन को मानवीय मदद भेज रही है, दूसरी तरफ़ फिलिस्तीन-समर्थकों और प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रही है.
9 अक्टूबर 2023 - अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने फिलिस्तीन के समर्थन में मार्च निकाला. पुलिस ने इन छात्रों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की. छात्रों को हिरासत में ले लिया गया.
13 अक्टूबर 2023 - इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में अधिकारियों को आदेश दिया कि इस युद्ध में भारत सरकार के स्टैंड से अलग कोई भी स्टैंड स्वीकार नहीं किया जाएगा. इस समय तक भारत सरकार ने इज़रायल को समर्थन दिया था और हमास के आतंकी हमलों की निंदा की थी. इस मीटिंग में अधिकारियों को ये भी आदेश दिए गए कि वो सख़्त से सख़्त कदम उठाएं.
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13 अक्टूबर 2023 - महाराष्ट्र में दो प्रदर्शनकारियों - रुचिर लाड और सुप्रीत रवीश - को युद्ध के ख़िलाफ़ मार्च निकालने के लिए गिरफ़्तार किया गया और कथित तौर पर उन्हें पीटा भी गया.
14 अक्टूबर 2023 - सोशल मीडिया पर फिलिस्तीन के समर्थन में पोस्ट करने के आरोप में कानपुर पुलिस ने हमीरपुर के दो युवा मुस्लिम मौलवियों पर मामला दर्ज किया. एक को गिरफ़्तार कर लिया गया, दूसरे के घर पर पुलिस ने छापेमारी की.
15 अक्टूबर 2023 - UP के लखीमपुर में हवलदार सुहैल अंसारी ने कथित तौर पर फिलिस्तीन के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी थी. प्रदेश पुलिस ने उन्हें सस्पेंड कर दिया और डिपार्टमेंटल इंक्वायरी शुरू की गई.
16 अक्टूबर 2023 - लेफ़्ट छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने दिल्ली में मौजूद इज़रायल दूतावास के बाहर फिलिस्तीन के समर्थन में प्रोटेस्ट किया. दिल्ली पुलिस और रैपिड ऐक्शन फोर्स ने ने 60 छात्रों को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने कहा कि ये लोग बिना परमिशन के प्रोटेस्ट कर रहे थे.
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16 अक्टूबर 2023 - बेंगलुरु में कब्बन पार्क पुलिस ने सड़क पर फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे 12 लोगों पर केस दर्ज किया. पुलिस का फिर वही कहना था, इजाज़त के बिना प्रदर्शन कर रहे थे.
20 अक्टूबर 2023 - डेक्कन क्रॉनिकल की ख़बर बताती है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने श्रीनगर में मौजूद जामिया मस्जिद को बंद कर दिया. कारण बताया गया कि फिलिस्तीन के समर्थन में कोई मार्च या रैली न निकाली जाए, इसलिए मस्जिद को बंद किया गया.
23 अक्टूबर 2023 - एक और वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने भी फिलिस्तीन के समर्थन में प्रोटेस्ट मार्च निकाला. दिल्ली पुलिस ने बड़ी संख्या में छात्रों को हिरासत में लिया. कारण वही बताया - परमिशन नहीं ली थी.
भारत सरकार का फिलिस्तीन पर रुख क्या है?सोशल मीडिया पर जो हो रहा है, वो भी आपने देखा ही है. भारत में लोगों को गिरफ़्तार किया भले जा रहा है, लेकिन भारत सरकार का फिलिस्तीन को लेकर आधिकारिक स्टैंड क्या है?
7 अक्टूबर की सुबह ग़ाज़ा पट्टी के चरमपंथी समूह हमास ने इज़रायल के इलाक़ों पर रॉकेट दागना शुरू किए तो भारत ने इसे आतंकवादी हमला कहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर की शाम को ही X पर पोस्ट कर दिया कि इस कठिन समय में हम इज़रायल के साथ खड़े हैं. ऐसे में PM मोदी के इस पोस्ट को ही भारत के स्टैंड की तरह देख लिया गया. मगर फिर, 12 अक्टूबर को विदेश मंत्रालय ने साफ़-साफ़ कहा कि भारत ने हमेशा से ही एक अलग और स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य का समर्थन किया है.
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हाल की ख़बर बताएं, तो 22 अक्टूबर 2023 को भारत ने फिलिस्तीन के लिए लगभग साढ़े 6 टन चिकित्सीय सहायता और 32 टन आपदा राहत सामग्री भेजी है. इस सामान में दवाइयों, सर्जिकल सामान के अलावा, तंबू, स्लीपिंग बैग, तिरपाल, पानी साफ़ करने की दवाइयां जैसी जरूरी चीजें शामिल थीं. भारतीय वायु सेना का C-17 विमान मिस्त्र के ई-अरिश एयरपोर्ट पहुंचा. वहां से ट्रकों से ये सामान गाज़ा पहुंचा.
इसके इतर, 24 अक्टूबर को UN सुरक्षा परिषद की जो बैठक हुई थी, उसमें भारत भी था. भारत के राजदूत आर रवींद्र ने इस मीटिंग में साफ़ कर दिया कि भारत गाज़ा को मदद भेजना जारी रखेगा. उन्होंने कहा,
"हम, हमारे बीच की बाईलैटरल डेवलपमेंट पार्टनरशिप के तहत, फिलिस्तीनी लोगों की मदद करना जारी रखेंगे. इस द्विपक्षीय साझेदारी में, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, ओन्त्रप्रेंयोरशिप और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सहित कई सेक्टर शामिल हैं. इस मुश्किल वक़्त में भारत, फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता भेजना जारी रखेगा."
फिलिस्तीन के समर्थन में आवाज उठाने पर क्या हो रहा है, वो आपको मालूम है. ये भी पता है कि देश की सरकार का पक्ष क्या है. पक्ष ये कि हम आधिकारिक रूप से किसी देश के ख़िलाफ़ नहीं खड़े हैं. न किसी आतंकी-उग्रवादी संगठन के साथ खड़े हैं. मगर जब नागरिक अपनी आवाज़ मुखर कर रहे हैं, तो सरकार एक उलट ही नज़ीर पेश कर रही है.