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PM मोदी और जिनपिंग की मुलाकात के बीच कांग्रेस ने LAC मुद्दे पर सरकार से 6 सवाल पूछ लिए

LAC पर गश्त को लेकर India-China के बीच समझौते पर कांग्रेस ने कहा है, 'हम आशा करते हैं कि दशकों में भारत की विदेश नीति को लगे झटके का सम्मानजनक ढंग से हल निकाला जा रहा है.'

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कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने 23 अक्टूबर को एक बयान जारी किया है. (फाइल फोटो: PTI)

भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त को लेकर समझौता होने की घोषणा पर कांग्रेस ने अपना बयान जारी किया है. कांग्रेस ने उम्मीद जताई है कि इस मुद्दे का सम्मानजनक ढंग से हल निकाला जा रहा है. कांग्रेस ने साल 2020 से चीन के साथ उपजे गतिरोध को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘नासमझी और भोलेपन का नतीजा’ बताया है. कांग्रेस ने ये बयान तब जारी किया, जब पीएम मोदी रूस में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात की है.

कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने 23 अक्टूबर को जारी किए गए बयान में मोदी सरकार से 6 सवाल पूछे हैं. ये सवाल चीन के साथ हुए समझौते को लेकर हैं. उन्होंने पूछा - 

1. क्या भारतीय सैनिक डेपसांग में हमारी दावे वाली लाइन से लेकर ‘बॉटलनेक जंक्शन’ से आगे के पांच पेट्रोलिंग पॉइंट्स तक पेट्रोलिंग करने में सक्षम होंगे जैसा कि वे पहले करने में सक्षम थे?

2. क्या हमारे सैनिक डेमचोक में उन तीन पेट्रोलिंग पॉइंट्स तक जा पाएंगे जो चार साल से अधिक समय से हमारे दायरे से बाहर हैं?

3. क्या हमारे सैनिक पैंगोंग त्सो में फिंगर 3 तक ही सीमित रहेंगे जबकि पहले वे फिंगर 8 तक जा सकते थे? (पैंगोंग त्सो में नीचे की ओर झुकी हुई हिमाच्छादित पहाड़ियां हैं, जिन्हें फिंगर कहते हैं. पश्चिम से पूर्व की ओर, इन्हें फिंगर-1 से फिंगर-8 तक का नाम दिया गया है.)

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4. क्या हमारी पेट्रोलिंग टीम को गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में उन तीन पेट्रोलिंग पॉइंट्स तक जाने की छूट है, जहां वे पहले जा सकते थे?

5. क्या भारतीय चरवाहों को एक बार फिर चुशुल में हेलमेट टॉप, मुक्पा रे, रेजांग ला, रिनचेन ला, टेबल टॉप और गुरुंग हिल में पारंपरिक चरागाहों तक जाने का अधिकार दिया जाएगा?

6. क्या वे ‘बफर जोन’ जो हमारी सरकार ने चीनियों को सौंप दिए थे, जिसमें रेजांग ला में युद्ध नायक और मरणोपरांत परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह का स्मारक स्थल भी शामिल था, अब अतीत की बात हो गए हैं?

कांग्रेस ने बयान दिया है,

"मोदी सरकार की इस घोषणा को लेकर कई सवाल बने हुए हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग की व्यवस्था को लेकर चीन के साथ समझौता हो गया है. विदेश सचिव ने कहा है कि इस समझौते से सैनिकों की वापसी हो रही है और अंततः 2020 में इन क्षेत्रों में पैदा हुए गतिरोध का समाधान हो रहा है.  

हम आशा करते हैं कि दशकों में भारत की विदेश नीति को लगे झटके का सम्मानजनक ढंग से हल निकाला जा रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि सैनिकों की वापसी से पहले जैसी स्थिति बहार होगी, जैसी मार्च 2020 में थी."

कांग्रेस ने कहा है कि इस विषय पर मोदी सरकार को भारत के लोगों को विश्वास में लेना चाहिए.

बता दें कि 21 अक्टूबर को भारत विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों देशों के बीच सीमा से सेना हटाने को लेकर सहमति बन गई है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया था कि पिछले कई हफ्तों से, भारतीय और चीनी राजनयिक और सेना के अधिकारी अलग-अलग मंचों पर बातचीत कर रहे थे. इन चर्चाओं का नतीजा सार्थक रहा. उनके मुताबिक, भारत-चीन सीमा क्षेत्र में LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर एक समझौता हुआ है. और इससे सीमा पर डिसइंगेजमेंट किया जाएगा.

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