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इमरान खान की सजा रद्द, लेकिन क्या जेल से निकल पाएंगे?

क्या है तोशाखाना मामला, जिसमें इमरान खान को राहत मिली.

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इमरान खान को निचली अदालत से तीन साल की सजा मिली थी (फाइल फोटो- रॉयटर्स)

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में मिली सजा रद्द हो गई है. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि इमरान खान को रिहा किया जाए. इस महीने की 5 तारीख को इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट ने इमरान खान को तीन साल की सजा सुनाई थी. साथ ही, एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. इस मामले में दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद इमरान को उनके ज़मान पार्क आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था. कोर्ट ने इमरान खान को ‘भ्रष्ट आचरण’ का दोषी घोषित किया था.

इमरान खान ने अपनी सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आमेर फारूक और जस्टिस तारिक महमूद जहांगिरी की बेंच ने 28 अगस्त को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था. पाकिस्तानी मीडिया जियो टीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया इमरान खान को एक लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत मिली है. खान फिलहाल अटोक जेल में बंद हैं. अभी आदेश की कॉपी नहीं आई है.

इमरान खान की रिहाई के आदेश के बाद कोर्ट के बाहर कई वकील नारेबाजी करते दिखे. उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने ट्विटर पर लिखा, 

"चेयरमैन इमरान खान को अवैध रूप से 29 दिन जेल में रहना पड़ा क्योंकि जज दिलावर ने कंगारू ट्रायल किया था. अल्लाह का शुक्र है, हमारे कप्तान अपने देश के लिए खड़े हैं."

इमरान खान के खिलाफ चुनाव आयोग की शिकायत पर केस दर्ज हुआ था. 5 अगस्त को निचली अदालत ने फैसले में कहा था कि इमरान खान ने जानबूझकर पाकिस्तान चुनाव आयोग को फर्जी विवरण पेश किया और उन्हें भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया गया. खान को पाकिस्तान के इलेक्शन एक्ट की धारा 174 के तहत तीन साल के लिए जेल की सजा सुनाई गई है.

तोशाखाना केस और इमरान खान पर आरोप

इमरान खान पर आरोप है कि सरकार में रहने के दौरान विदेशों से उन्हें जो गिफ्ट मिले, उसकी सही जानकारी उन्होंने अधिकारियों को नहीं दी थी. तोशाखाना पाकिस्तानी सरकार का एक विभाग है. साल 1974 में इस विभाग को बनाया गया था. पाकिस्तान प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे विभाग के मंत्रियों या अधिकारियों को विदेश में मिलने वाले तोहफों को इसी विभाग में रखा जाता है. नियम के मुताबिक ऐसा करना जरूरी है. इन गिफ्ट्स में महंगी घड़ियां, सोने-हीरे के आभूषण, महंगी कारें और महंगे सामान होते हैं. तोशाखाना में रखे सामान को पाकिस्तानी कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही बेचा जाता है.

पाकिस्तान टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कोई गिफ्ट 30 हजार रुपये से कम की है तो उसे मुफ्त में लिया जा सकता है. लेकिन अगर इससे ज्यादा कीमत की गिफ्ट है तो उसे लेने के लिए कुछ नियम कायदे हैं. एक तोशाखाना कमिटी होती है जो गिफ्ट की कीमतों का मूल्यांकन करती है. इस कमिटी में सेंट्रल बैंक, टैक्स विभाग के अधिकारी और मार्केट एक्सपर्ट होते हैं. नियम ये है कि अगर गिफ्ट की कीमत 30 हजार रुपये से ज्यादा है तो उसका 50 फीसदी चुकाकर आप सामान खरीद सकते हैं. 2020 से पहले ऐसा था कि सामान की कीमत का 20 फीसदी देकर ले सकते थे.

इमरान खान साल 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. अलग-अलग देशों के दौरे पर उन्हें कई महंगे गिफ्ट्स मिले थे. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने पिछले साल सितंबर में चुनाव आयोग को एक जवाब दिया था. इसमें उन्होंने बताया था कि एक अगस्त 2018 से 31 दिसंबर 2021 के बीच उन्हें और उनकी पत्नी को 58 गिफ्ट्स मिले थे. इन गिफ्ट्स में घड़ियां, कलम, अंगूठी, कालीन, कंगन और कई सामान थे.

इमरान खान ने चुनाव आयोग को बताया था कि इनमें से सिर्फ 14 गिफ्ट 30 हजार रुपये से ज्यादा के थे. इन गिफ्ट्स को उन्होंने नियम के मुताबिक तोशाखाना से खरीदा था. हालांकि उन पर आरोप लगा कि उन्होंने तोशाखाना से कुछ गिफ्ट्स को सिर्फ 20 फीसदी भुगतान कर खरीदा और उन्हें महंगे दामों पर बेच दिया. रिपोर्ट बताती है कि खान ने प्रधानमंत्री बनने के दो महीने के भीतर ही इमरान ने तोशाखाना में दो करोड़ रुपये जमा किये और कई महंगे गिफ्ट्स खरीदे. खरीदे गए गिफ्ट में 85 लाख की एक ग्राफ घड़ी,  87 लाख का पेन, 60 लाख रुपये के कफलिंग और अंगूठी भी शामिल थीं. आरोप है कि उन्होंने 38 लाख कीमत की रोलेक्स घड़ी सिर्फ साढ़े सात लाख रुपये में खरीदी थी.

बहरहाल, अभी ये साफ नहीं है कि वे जेल से कब रिहा होंगे क्योंकि उनके खिलाफ कई और मामले दर्ज हैं.

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