
कुलभूषण और उनके परिवार के बीच 30 मिनट की मुलाकात चली.

कुलभूषण और उनके परिवार के बीच एक मोटा शीशा लगा था.

मुलाकात के बाद 25 दिसंबर को ही परिवार भारत वापस आ जाएगा.
मुलाकात तो हो गई मगर इसके तरीके पर सवाल उठने लगे हैं. आखिर दोनों के बीच इतना मोटा शीशा क्यों लगाया गया. एक परिवार की मुलाकात से पाकिस्तान को ऐसा क्या डर था जो इतनी बंदिश लगाई गई. बातचीत के लिए भी टेलीफोन का इस्तेमाल किया गया. 22 महीने के इंतजार के बाद हुई इस मुलाकात में उन्हें एक-दूसरे को छूने तक नहीं दिया गया.
मुलाकात के बाद कुलभूषण का वीडियो आया
पाकिस्तान की ओर से जारी इस वीडियो में कुलभूषण ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान सरकार से उनकी मुलाकात मां और पत्नी से करवाने की दरख्वास्त की थी. इसे पाकिस्तान ने मान लिया. मुलाकात से पहले मुझे इसकी जानकारी दे दी गई थी. इसके लिए मैं पाकिस्तान सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं.
आतंकी हमले की थी आशंका
पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक, इस मुलाकात पर आतंकी साया भी मंडरा रहा था. इसी के मद्देनजर वहां ऐंटी टेररिस्ट स्क्वॉड भी तैनात किया गया था. जबकि भारतीय हाई कमिशन से पाकिस्तान विदेश मंत्रालय(जहां मुलाकात होनी थी) का फासला सिर्फ 5 मिनट का है. कड़ी सुरक्षा के बीच परिवार को विदेश मंत्रालय के दफ्तर ले जाया गया. बताया जा रहा है कि 25 दिसंबर को ही कुलभूषण की मां और पत्नी की वापसी भी हो जाएगी. 4 बजे दोनों भारत के लिए रवाना हो जाएंगी.

मुलाकात के बाद भारतीय दूतावास लौटता परिवार.
47 वर्षीय कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कथित जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी. इसके विरोध में भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जहां जाधव की फांसी पर आखिरी फैसले तक रोक लगा दी गई थी.
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